

पिछले छह वर्षों में 10 लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता त्याग दी है। राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि सिर्फ 2024 में ही 2 लाख से ज्यादा लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी। विपक्ष का आरोप है कि 2014 के बाद यह संख्या तेजी से बढ़ी है। सरकार ने नागरिकता त्यागने की प्रक्रिया को पारदर्शी बताया है, लेकिन आंकड़ों ने नई चिंता खड़ी कर दी है।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
New Delhi: भारत में अपने नागरिकता को छोड़ने की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने इस संदर्भ में एक चौंकाने वाला आंकड़ा पेश किया, जिसमें बताया गया कि पिछले 6 वर्षों में 10 लाख से ज्यादा भारतीय नागरिकता त्याग चुके हैं।
पिछले साल (2024) में कितने लोगों ने छोड़ी नागरिकता?
विदेश मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में 2 लाख से ज्यादा भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी। इसके अलावा, 2023 और 2024 के बीच करीब 4 लाख 23 हजार भारतीयों ने देश की नागरिकता त्याग दी। विदेश मंत्री के अनुसार, कोरोना काल के दौरान नागरिकता त्यागने वालों की संख्या में थोड़ी कमी आई थी, लेकिन महामारी के बाद यह संख्या फिर से तेजी से बढ़ने लगी है। हालांकि, साल 2020 में नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या सबसे कम रही थी।
नागरिकता छोड़ने वालों का आंकड़ा साल दर साल
भारत से नागरिकता छोड़ने वाले लोगों की संख्या ने हर साल नया रिकॉर्ड तोड़ा है। कुछ प्रमुख आंकड़े इस प्रकार हैं।
• 2019: 1,44,017
• 2020: 85,256
• 2021: 1,63,370
• 2022: 2,25,625
• 2023: 2,16,219
• 2024: 2,06,378
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि साल 2020 में महामारी के कारण नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में कमी आई, जबकि इसके बाद के वर्षों में यह आंकड़ा फिर से बढ़ा।
2014 से पहले भारत में नागरिकता त्यागने वालों की संख्या
आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से पहले भारत में नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या बहुत कम थी। 2011 में जहां 1,22,819 लोगों ने नागरिकता छोड़ी, वहीं 2014 में यह संख्या केवल 1,29,328 तक पहुंची। इस दौरान, कांग्रेस सरकार के समय नागरिकता त्यागने वालों की संख्या 2 लाख के करीब भी नहीं पहुंची।
विपक्ष का आरोप
विपक्षी दलों का आरोप है कि 2014 में बीजेपी सरकार के आने के बाद से भारतीय नागरिकों द्वारा नागरिकता त्यागने की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार के समय यह संख्या कभी 2 लाख के ऊपर नहीं गई थी, जबकि बीजेपी सरकार के दौरान यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
नागरिकता त्यागने की प्रक्रिया क्या होती है?
संसद में जब सरकार से पूछा गया कि नागरिकता त्यागने का अनुरोध स्वीकारने से पहले कोई जांच प्रक्रिया नहीं होती है, तो सरकार ने इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब दिया। सरकार ने बताया कि नागरिकता छोड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया होती है। जो https://www.indiancitizenshiponline.nic.in पर की जाती है। इसके बाद, आवेदक के पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज़ों की वेरिफिकेशन की जाती है, और इन दस्तावेजों को संबंधित सरकारी विभागों को भेजा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान 30 दिनों के भीतर अधिकारियों को जवाब देना होता है, और नागरिक से यह भी पूछा जाता है कि वह देश क्यों छोड़ रहा है। यदि सब कुछ सही पाया जाता है, तो नागरिकता छोड़ने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है।