

दिल्ली-एनसीआर के श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सौगात मिली है। अब खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी के दर्शन मात्र 6 घंटे में संभव हो पाएंगे। एक नई हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत के साथ दिल्ली से सीधी उड़ान के जरिए यह यात्रा की जा सकेगी।
खाटू श्याम के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू
New Delhi: राजस्थान के दो प्रमुख धार्मिक स्थलों खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी के भक्तों के लिए अब दर्शन करना बेहद आसान हो गया है। अब श्रद्धालु दिल्ली से सीधे हेलीकॉप्टर के जरिए मात्र 6 घंटे में इन दोनों पावन धामों की यात्रा पूरी कर सकते हैं। इस विशेष सेवा की शुरुआत शनिवार को की गई, जिसका पहला लाभ कवि और लेखक डॉ. कुमार विश्वास ने अपने परिवार के साथ उठाया।
यह सेवा दिल्ली के रोहिणी हेलीपोर्ट से सुबह 9:30 बजे शुरू होती है। पहले पड़ाव पर हेलीकॉप्टर खाटू श्याम जी के जालूण्ड हेलीपैड पर लैंड करता है, जहां से यात्रियों को सीधे मंदिर तक ले जाया जाता है। वहां वीआईपी दर्शन के बाद श्रद्धालु सालासर बालाजी धाम के लिए रवाना होते हैं और दर्शन के बाद शाम तक वापस दिल्ली लौट आते हैं।
हेलीकॉप्टर सेवा संचालित करने वाली कंपनी ने इस यात्रा के लिए 95,000 रुपये प्रति यात्री का किराया निर्धारित किया है। हालांकि यह केवल एक साधारण यात्रा नहीं, बल्कि एक प्रीमियम पैकेज है, जिसमें शामिल हैं-
हेलीकॉप्टर की एक यात्रा में केवल 5 से 7 यात्री ही सफर कर सकते हैं। इसलिए इच्छुक श्रद्धालुओं को कम से कम एक सप्ताह पहले एडवांस बुकिंग करनी होगी। बुकिंग की सुविधा कंपनी की वेबसाइट, व्हाट्सएप और फोन कॉल के जरिए उपलब्ध है।
हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत बेहद खास रही, क्योंकि डॉ. कुमार विश्वास अपनी पत्नी और बच्चों के साथ इस पहली यात्रा के यात्री बने। उन्होंने कहा, “बाबा श्याम के दर्शन का सौभाग्य हेलीकॉप्टर सेवा की पहली उड़ान से मिला। यह केवल यात्रा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव है।”
यह सेवा खासकर बुजुर्ग श्रद्धालुओं और व्यस्त जीवनशैली वाले लोगों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही है। अब उन भक्तों के लिए भी मंदिरों के दर्शन करना संभव हो गया है जो समय की कमी या लंबी यात्रा से परेशान रहते हैं।पहले इन धार्मिक स्थलों तक सड़क या रेल मार्ग से जाने में पूरा दिन या उससे भी अधिक समय लग जाता था, लेकिन अब यह यात्रा सिर्फ 6 घंटे में पूरी हो रही है।
कंपनी का कहना है कि यदि यह सेवा सफल रही तो भविष्य में इसे अन्य धार्मिक स्थलों जैसे पुष्कर, अजमेर शरीफ, मथुरा-वृंदावन आदि तक भी बढ़ाया जा सकता है। साथ ही किराए और सुविधाओं में भी समय के साथ संशोधन की संभावना जताई गई है।