

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर आयोजित सेवा दिवस के दौरान भीलवाड़ा में “वेज बिरयानी” के नाम पर राजनीति गरमा गई। विधायक अशोक कोठारी की टीम ने ठेलेवालों पर दबाव बनाकर बोर्ड उतरवा दिए। इससे गरीब दुकानदारों की रोज़ी-रोटी पर संकट आ गया।
भीलवाड़ा में वेज़ बिरयानी को लेकर विवाद
Bhilwara: भीलवाड़ा शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित सेवा दिवस के तहत जहां विभिन्न सामाजिक सेवा कार्यक्रमों की उम्मीद की जा रही थी, वहीं एक अजीब और हैरान कर देने वाले विवाद ने पूरे शहर का ध्यान खींच लिया। मामला था "वेज बिरयानी" बेचने को लेकर।
दरअसल, शहर के प्रतापनगर क्षेत्र में लगे कुछ ठेलों और रेहड़ियों पर "वेज बिरयानी" के बोर्ड लगे हुए थे, जिन पर विधायक अशोक कोठारी की टीम ने आपत्ति जताई। टीम के सदस्यों ने इन दुकानदारों से न सिर्फ बोर्ड हटवाए, बल्कि सड़क पर जमकर हंगामा भी किया। उनका कहना था कि "बिरयानी" शब्द सुनते ही आम जनता के मन में नॉनवेज का भ्रम उत्पन्न होता है, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं।
टीम की इस कार्रवाई से न सिर्फ ठेलेवाले हैरान-परेशान हुए, बल्कि पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। मामले को बिगड़ता देख प्रतापनगर थाना पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा और स्थिति को नियंत्रण में लाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस पूरे घटनाक्रम ने सेवा दिवस के उद्देश्य पर सवाल खड़े कर दिए। आम जनता और स्थानीय नागरिकों ने इस कार्यवाही को पूरी तरह से दिखावटी और गैरज़रूरी करार दिया।
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लोगों ने सवाल उठाया कि जब सड़क, अंडरब्रिजों की हालत, अतिक्रमण, ट्रेफिक और साफ-सफाई जैसी गंभीर समस्याएं शहर में पहले से मौजूद हैं, तब नेता जी की टीम को इस तरह शब्दों पर राजनीति करने की बजाय असली मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। यह सेवा नहीं, नौटंकी है। दुकानदारों ने भी इस मामले को अपनी रोज़ी-रोटी पर सीधा हमला बताया। उनका कहना है कि जब उन्होंने स्पष्ट रूप से “वेज बिरयानी” लिखा है और केवल शाकाहारी भोजन ही परोसा जा रहा है, तो इस तरह की राजनीति केवल उन्हें परेशान करने और उनकी कमाई पर चोट करने के लिए की गई है।
भीलवाड़ा में सेवा दिवस के दौरान "वेज बिरयानी" बेचने को लेकर विधायक अशोक कोठारी की टीम ने विवाद खड़ा किया और ठेलों के बोर्ड उतार दिए। टीम का कहना था कि 'बिरयानी' शब्द से नॉनवेज का भ्रम होता है, जबकि दुकानदारों ने इसे अपनी रोज़ी-रोटी से खिलवाड़ बताया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण… pic.twitter.com/LBkQtaOWX3
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 19, 2025
वहीं सूत्रों के अनुसार, विधायक अशोक कोठारी की टीम के एक सदस्य ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को भी फोन कर मौके पर बुला लिया, जिसके बाद विभाग ने मौके पर आकर कार्रवाई की। हालांकि कोई गंभीर उल्लंघन नहीं मिला, लेकिन इसने दुकानदारों के मन में भय और असुरक्षा की भावना जरूर भर दी।
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इस घटना के बाद शहर में चर्चा है कि अगर "बिरयानी" शब्द से आपत्ति है, तो क्या आने वाले दिनों में इसी बहाने मिठाई और अन्य व्यंजनों के नामों पर भी विवाद खड़ा करने की आशंका जताई जा सकती है? इस विवाद के बाद एक ठेलेवाले ने कहा, हम गरीब लोग दिन-रात मेहनत करके ठेला लगाते हैं। अगर बिरयानी का नाम भी नेताओं को चुभता है, तो कल वे हमें सड़क पर बैठने तक से रोक देंगे। वहीं एक अन्य रेहड़ी संचालक ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिरयानी के नाम पर राजनीति करना हमारी रोज़ी-रोटी छीनना है। नेताओं व उनकी टीम को जनता की भूख की परवाह नहीं, बस अपने पब्लिसिटी स्टंट की चिंता है।