

उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष में तिरुची सिवा के नाम की अटकलें लग रही हैं। डीएमके के राज्यसभा सांसद तिरुची सिवा को विपक्ष का उम्मीदवार बनाने पर विचार किया जा रहा है। इस बारे में विपक्षी सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि एक बैठक के बाद ही नाम तय किया जाएगा।
तिरुची सिवा
New Delhi: भारत में 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। विपक्षी दलों के बीच उम्मीदवार को लेकर चर्चा हो रही है और इस बीच तमिलनाडु से आने वाले डीएमके के राज्यसभा सांसद तिरुची सिवा के नाम की अटकलें जोर पकड़ रही हैं। विपक्ष के नेता अभी इस मुद्दे पर एकजुट होकर फैसला लेंगे, यह बयान उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी है, लेकिन विपक्ष के नेता जल्द ही इस पर बैठक कर चर्चा करेंगे।
तिरुची सिवा का राजनीतिक करियर
तिरुची सिवा का नाम उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों द्वारा सामने लाया गया है और इस बात की संभावना है कि डीएमके के सदस्य सिवा को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में समर्थन दे सकते हैं। सिवा तमिलनाडु से हैं और उनकी गहरी जड़ें राज्य की राजनीति में हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1996 में लोकसभा चुनाव से की थी, जब वह पहली बार लोकसभा के सदस्य बने। इसके बाद सिवा ने राज्यसभा में भी अपनी उपस्थिति दर्ज की और 2000 में राज्यसभा के सदस्य बने। उनके लगातार निर्वाचित होने के कारण वह एक भरोसेमंद नेता माने जाते हैं।
विपक्षी दलों की एकजुटता की जरूरत
विपक्षी दलों के भीतर तिरुची सिवा के नाम को लेकर अटकलें हैं, लेकिन इस मुद्दे पर अंतिम फैसला विपक्ष के नेताओं की बैठक के बाद ही लिया जाएगा। अरविंद सावंत ने स्पष्ट किया कि विपक्षी दल एकजुट होकर इस नाम पर विचार करेंगे और इसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार का चयन विपक्ष की एकता और रणनीति को दर्शाता है। सावंत का कहना था, "हमने अभी तक किसी एक नाम पर चर्चा नहीं की है। विपक्ष के नेता मिलकर इस पर विचार करेंगे और जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह एकजुट होकर किया जाएगा।" इस बयान से यह साफ हो गया कि विपक्ष की तरफ से अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और यह प्रक्रिया आगे बढ़ने पर ही स्पष्ट होगी।
एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन
उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर एनडीए के उम्मीदवार के रूप में सीपी राधाकृष्णन का नाम पहले ही सामने आ चुका है। राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। वह तमिलनाडु से ही ताल्लुक रखते हैं। उनकी उम्मीदवारी भी एक महत्वपूर्ण पहलू बन सकती है, क्योंकि राज्य के नेताओं के बीच विचारों का आदान-प्रदान और रणनीतिक सहयोग निर्णायक साबित हो सकता है। विपक्षी दलों को इस चुनाव में अपनी ताकत का पूरा इस्तेमाल करना होगा, क्योंकि यह चुनाव केवल एक उपराष्ट्रपति का चयन नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा राजनीतिक संदेश भी है।