Moradabad News: मुरादाबाद में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की मूर्ति स्थापना का शिलान्यास

मुरादाबाद में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की मूर्ति स्थापना के लिये शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 15 May 2025, 6:21 PM IST
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मुरादाबाद:  जनपद के बिलारी विधान सभा में समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेताजी मुलायम सिंह यादव की याद में मूर्ति स्थापित किए जाने के उपलक्ष में शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन किया किया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आजमगढ़ से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव, सांसद आदित्य यादव समेत सपा के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं भाग लिया।

इस मौके पर हवन-पूजन के साथ मुलायम सिंह यादव की याद में मूर्ति स्थापित के लिये शिलान्यास कार्यक्रम हुआ।

सत्ताधारी पार्टी को नहीं थी जानकारी

उन्होंने भारत - पाकिस्तान को लेकर बात की कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को धमकाया और युद्ध रोकवा दिया। जब - जब युद्ध हुआ है हम जीते लेकिन मौजूद नेत्तव ने पराजय में बदल दिया। उन्होंने कहा कि दुष्ट के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए। साथ ही उन्होंने विपक्षी पार्टी पर भी हमला बोला।

सच्चाई आई सामने

कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयानों को लेकर भी उन्होंने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि जब मानसिकता दूषित होती है तो लोग सेना की उपलब्धि को भी अपनी राजनीतिक सफलता बताने लगते हैं। रामगोपाल यादव के इस बयान के बाद सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है और इस मुद्दे के उत्तर प्रदेश की राजनीति में गूंजने के संकेत मिल रहे हैं।

सरकार पर साधा निशाना

रामगोपाल यादव ने सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि "जब मानसिकता दूषित होती है, तो लोग सेना की उपलब्धि को भी अपनी राजनीतिक उपलब्धि बनाकर पेश करते हैं। "इस बयान से समाज में एक नई बहस शुरू हो गई है कि क्या सेना की वीरता और शौर्य को जाति, धर्म और राजनीति के चश्मे से देखना उचित है। आने वाले दिनों में इस बयान का असर उत्तर प्रदेश की राजनीति में स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकता है।

सेना की उपलब्धि को राजनीतिक उपलब्धि बनाकर करते हैं पेश

रामगोपाल यादव ने सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि "जब मानसिकता दूषित होती है, तो लोग सेना की उपलब्धि को भी अपनी राजनीतिक उपलब्धि बनाकर पेश करते हैं। "इस बयान से समाज में एक नई बहस शुरू हो गई है कि क्या सेना की वीरता और शौर्य को जाति, धर्म और राजनीति के चश्मे से देखना उचित है। आने वाले दिनों में इस बयान का असर उत्तर प्रदेश की राजनीति में स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकता है।

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