

पूर्व क्रिकेट कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना विधान परिषद (MLC) के लिए राज्यपाल कोटे से नामित किया गया है। यह फैसला उनके जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव के उम्मीदवार बनने की घोषणा के कुछ समय बाद आया है।
मोहम्मद अजहरुद्दीन
Hyderabad: भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। उन्हें राज्यपाल कोटे के तहत राज्य विधान परिषद (MLC) के लिए नामित करने का निर्णय लिया गया है, जिससे उनकी राजनीति में और भी मजबूती बढ़ सकती है। यह फैसला इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि अजहरुद्दीन ने हाल ही में खुद को जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किया था।
मोहम्मद अजहरुद्दीन का राजनीतिक करियर काफी दिलचस्प रहा है। क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद अजहरुद्दीन ने कांग्रेस पार्टी से जुड़कर राजनीति में कदम रखा। वह 2009 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से सांसद बने थे और 2014 तक इस पद पर रहे। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया, जहां उन्होंने क्रिकेट के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब उन्हें तेलंगाना विधान परिषद में राज्यपाल कोटे से नामित किया गया है, जो उनके राजनीतिक सफर का एक नया मोड़ साबित हो सकता है।
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अजहरुद्दीन के लिए विधान परिषद के MLC पद के लिए नामित होने का निर्णय तेलंगाना सरकार ने लिया है। यह कदम उनके राजनीतिक करियर के लिए अहम साबित हो सकता है क्योंकि इससे उन्हें राज्य की राजनीति में एक मजबूत स्थान मिल सकता है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का मानना है कि इससे अजहरुद्दीन के राजनीतिक प्रभाव को और भी बल मिलेगा और उन्हें राज्य के विभिन्न मुद्दों पर काम करने का मौका मिलेगा। अजहरुद्दीन ने सोशल मीडिया पर इस फैसले के लिए अपनी खुशी जाहिर की और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल का आभार व्यक्त किया। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और उपमुख्यमंत्री का भी धन्यवाद करते हुए कहा कि वह राज्य की सेवा के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं।
मोहम्मद अजहरुद्दीन
अजहरुद्दीन के एमएलसी नामांकन का फैसला तब आया है जब कुछ समय पहले उन्होंने जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस का उम्मीदवार बनने की घोषणा की थी। यह सीट विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के बाद खाली हुई थी, और अजहरुद्दीन ने खुद को इस उपचुनाव के लिए कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किया था। हालांकि, एमएलसी पद के लिए नामांकन के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि उनका राजनीति में कदम बढ़ाने का तरीका बदल सकता है और वह विधानसभा चुनावों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकते हैं।
मोहम्मद अजहरुद्दीन का क्रिकेट करियर शानदार रहा है। उन्होंने भारत के लिए 99 टेस्ट मैचों और 334 वनडे मैचों में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने क्रमशः 6215 और 9378 रन बनाए, जो उनकी क्रिकेटिंग क्षमताओं का प्रमाण हैं। उनकी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट ने कई महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की। राजनीति में भी उनकी छवि एक सशक्त नेता के रूप में उभरती जा रही है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से जुड़कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के लिए काम किया है।
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अजहरुद्दीन के राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनने के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि उन्हें तेलंगाना कैबिनेट में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है। वर्तमान में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में तेलंगाना सरकार में 14 मंत्री हैं, और तीन मंत्री पद अभी भी खाली हैं। अजहरुद्दीन की नियुक्ति इन खाली पदों में से एक को भरने का कारण बन सकती है। कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, अजहरुद्दीन की राज्य विधान परिषद में शामिल होने से पार्टी को और अधिक मजबूती मिल सकती है, खासकर उस वक्त जब तेलंगाना विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
तेलंगाना की राजनीति में अजहरुद्दीन का प्रवेश कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है। राज्य में वर्तमान में कांग्रेस पार्टी को कुछ मुद्दों पर चुनावी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, और अजहरुद्दीन का नेतृत्व और लोकप्रियता पार्टी को सत्ता में वापसी के लिए एक नई दिशा दे सकती है। अजहरुद्दीन का नामांकन और उनकी संभावित कैबिनेट में नियुक्ति तेलंगाना कांग्रेस पार्टी के लिए एक निर्णायक क्षण साबित हो सकता है। साथ ही, उनकी छवि एक लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित होने से पार्टी को आगामी चुनावों में मजबूती मिल सकती है।