

महाराष्ट्र की राजनीति दशहरा मेला के मंच से गर्मा गई है। उद्धव ठाकरे के हिंदी भाषण पर सीएम फडणवीस ने तंज कसा, तो राहुल गांधी के विदेशी बयान पर भी हमला बोला। साथ ही, साइबर क्राइम के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा भी की।
उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस
Maharashtra: महाराष्ट्र की राजनीति में दशहरे का पर्व इस बार केवल धार्मिक उत्सव नहीं रहा, बल्कि सियासी बयानबाज़ी का बड़ा मंच बन गया। शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच जुबानी जंग ने इस पर्व को राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का अखाड़ा बना दिया।
दशहरा मेला में उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा जनता को मुफ्त सुविधाएं देकर “पेड वोटर” बना रही है। वहीं, फडणवीस ने इस भाषण को लेकर तंज कसते हुए कहा कि क्या उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रीय नेता बनने के लिए हिंदी में भाषण दिया? और क्या उन्होंने विकास पर एक भी बात की? मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “मैंने कहा था कि अगर उद्धव विकास पर एक शब्द बोलेंगे तो मैं 1000 रुपए किसी को दूंगा। लेकिन मुझे यह पैसा बच गया।”
उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस
राहुल गांधी के कोलंबिया में दिए गए बयान, जिसमें उन्होंने भारत में लोकतंत्र और संविधान को लेकर चिंता जताई थी, उस पर फडणवीस ने कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को संविधान पर विश्वास नहीं है। उनकी दादी ने आपातकाल लगाया था, जनता ने सब उलट दिया। कोई भी इस देश के लोकतंत्र को बदल नहीं सकता। फडणवीस ने उन्हें एक बार फिर “सीरियल लायर” की संज्ञा दी और कहा कि राहुल की सोच भारत की लोकतांत्रिक ताकत को समझ नहीं पाती।
राज्य में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध को लेकर मुख्यमंत्री फडणवीस ने साइबर अवेयरनेस अभियान की घोषणा की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के हर जिले में यह अभियान चलेगा, जिसमें युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों को डिजिटल फ्रॉड, फेक कॉल्स और ऑनलाइन स्कैम से बचाव की जानकारी दी जाएगी।
फडणवीस ने बांग्लादेशी घुसपैठ पर भी सख्त संदेश देते हुए कहा कि पिछले 9 महीने में 2000 बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है और उन पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने दो टूक कहा कि जो आएगा, पकड़ा जाएगा और वापस भेजा जाएगा। घुसपैठ अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उद्धव ठाकरे ने भी फडणवीस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा फ्री में चीजें देकर लोगों को 'पगार वाले वोटर' बना रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री को "फ्रस्ट्रेटेड व्यक्ति" बताते हुए कहा कि जब कोई हताश हो जाता है, तो वह कुछ भी बोलता है। ठाकरे ने यह भी कहा कि भाजपा के पास अब जनता को दिखाने के लिए कोई ठोस विकास कार्य नहीं बचा, इसलिए वे विरोधियों के भाषणों पर तंज कसते हैं।