

महाराष्ट्र के वसई-विरार क्षेत्र में बीती रात एक बड़ा हादसा हो गया। विजय नगर, विरार ईस्ट में स्थित रमाबाई अपार्टमेंट की चौथी मंजिल का हिस्सा ढह गया। घटना में करीब 15-20 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। अब तक 9 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
विरार में गिरी चार मंजिला बिल्डिंग
Mumbai: महाराष्ट्र के वसई-विरार इलाके में मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। विरार ईस्ट के विजय नगर स्थित रमाबाई अपार्टमेंट की चौथी मंजिल का एक बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया। रात लगभग 1 बजे हुए इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 15 से 20 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है, हालांकि यह संख्या अधिक भी हो सकती है।
घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी। पुलिस, दमकलकर्मी और एनडीआरएफ की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। फिलहाल 9 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
एनडीआरएफ की एक टीम घटनास्थल पर मौजूद है और मलबे में फंसे लोगों को खोजने का प्रयास कर रही है। तलाशी अभियान में फिलहाल सबसे बड़ी बाधा संकरी गलियां बन रही हैं, जिससे जेसीबी मशीन या एंबुलेंस घटनास्थल तक नहीं पहुंच पा रही हैं। टीम को हाथों से ही मलबा हटाना पड़ रहा है, जिससे रेस्क्यू में काफी समय लग रहा है।
बताया जा रहा है कि रमाबाई अपार्टमेंट नामक यह इमारत करीब 10 साल पुरानी थी और नगर निगम ने इसे पहले ही खतरनाक घोषित कर दिया था। स्थानीय निवासियों के अनुसार, समय-समय पर भवन की हालत को लेकर शिकायत की गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हादसे के बाद अब यह पूरी इमारत ढह चुकी है।
घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय विधायक स्नेहा पंडित दुबे मौके पर पहुंचीं। उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि करीब 10-15 साल पुरानी इस इमारत की हालत जर्जर थी। अब तक 9 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, लेकिन अभी भी 20 से अधिक लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। एनडीआरएफ, माहनगर पालिका और पुलिस की टीमें पूरी मेहनत से रेस्क्यू में जुटी हैं।
विधायक ने बताया कि घटनास्थल की गलियां बेहद संकरी हैं, जिससे बड़ी मशीनें, गाड़ियां या एंबुलेंस घटनास्थल तक नहीं पहुंच पा रही हैं। टीम को मैनुअल तरीके से रेस्क्यू करना पड़ रहा है। फिलहाल एनडीआरएफ की एक और टीम को अतिरिक्त 20-25 जवानों के साथ बुलाया गया है।
हादसे के बाद स्थानीय नागरिकों में नाराजगी देखी जा रही है। उनका आरोप है कि नगर निगम को पहले ही इमारत की हालत का अंदाजा था, फिर भी लोगों को खाली करने का निर्देश नहीं दिया गया। हादसे के बाद नगर निगम की लापरवाही भी सवालों के घेरे में है।