बैरिकेड फांदकर आगे बढ़े अखिलेश यादव, देखते रहे दिल्ली पुलिस के बड़े अफसर, जानिए मौके की स्थिति

लोकसभा चुनावों में कथित वोट चोरी और चुनावी प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के खिलाफ दिल्ली में विरोध मार्च निकाला। इस मार्च में 300 से अधिक सांसद शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पुलिस बैरिकेड फांदकर आगे बढ़े। उन्होंने उत्तर प्रदेश में वोट लूट की शिकायतों पर चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन के जरिए विपक्ष ने चुनावी पारदर्शिता और लोकतंत्र की रक्षा का संदेश दिया।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 11 August 2025, 12:38 PM IST
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New Delhi: लोकसभा चुनावों में वोट चोरी, मतदाता सूची में गड़बड़ी और चुनाव आयोग की निष्क्रियता के आरोपों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को विपक्षी दलों ने एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया अलायंस के 300 से ज्यादा सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला। वहीं, मौके पर प्रियंका गांधी और सपा सांसद डिंपल यादव समेत कई सांसद धरने पर बैठ हुए हैं।

संसद से चुनाव आयोग तक नारेबाजी और कड़ा विरोध

विरोध मार्च संसद भवन के मकर द्वार से शुरू हुआ, जहां से विपक्षी सांसद हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर पैदल चल पड़े। मार्च के दौरान "लोकतंत्र बचाओ", "चुनाव आयोग जवाब दो", "चोर-चोर" जैसे नारे गूंजते रहे। यह प्रदर्शन केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर चुनावों में निष्पक्षता के उल्लंघन का आरोप लगाकर किया गया।

अखिलेश यादव का उग्र तेवर: बैरिकेड फांद कर आगे निकले

मार्च के दौरान उस वक्त हलचल मच गई जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिल्ली पुलिस के बैरिकेड को फांदकर कूद गए। उन्हें अन्य विपक्षी नेताओं ने तुरंत संभाला। अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, "चुनाव आयोग पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। अगर वोट चोरी की शिकायतें आ रही हैं, खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से, तो यह गंभीर मुद्दा है। चुनाव आयोग को इसे संज्ञान में लेना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि, "हम संसद में अपनी बात रखना चाहते हैं लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि हमें सड़क पर उतरकर विरोध करना पड़ रहा है।"

दिल्ली पुलिस का सुरक्षा बंदोबस्त, कई स्तरों की निगरानी

दिल्ली पुलिस ने विरोध मार्च को देखते हुए सुरक्षा के कई लेयर बनाए और सात से अधिक स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई। भीड़ नियंत्रण और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए संसद मार्ग और निर्वाचन सदन के आसपास ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया।

राहुल गांधी ने कहा- लोकतंत्र खतरे में

मार्च की अगुवाई कर रहे राहुल गांधी ने कहा कि, "यह विरोध केवल चुनाव आयोग के खिलाफ नहीं, बल्कि लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। अगर चुनावी प्रक्रिया पर ही भरोसा नहीं रहेगा, तो यह लोकतंत्र का अंत है।" उन्होंने दावा किया कि देशभर से कई जगहों पर फर्जी वोटिंग, मतदाता नाम हटाने, और SIR रिपोर्ट्स में हेरफेर की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से इन शिकायतों पर स्वतंत्र जांच की मांग की।

चुनाव आयोग को सौंपा जाएगा ज्ञापन

प्रदर्शन का समापन चुनाव आयोग मुख्यालय पर होगा, जहां एक विपक्षी प्रतिनिधिमंडल आयोग को ज्ञापन सौंपेगा। इस ज्ञापन में वे चुनावी अनियमितताओं की जांच, मतदाता सूची की शुद्धता और चुनाव आयोग की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग करेंगे।

राजनीतिक माहौल गरमाया, सरकार की चुप्पी

इस प्रदर्शन से देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। विपक्ष जहां सड़कों पर उतरकर लोकतंत्र की रक्षा की बात कर रहा है, वहीं सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं ने इसे "राजनीतिक नौटंकी" करार दिया है।

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