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बिहार के बाद अब 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में वोटर लिस्ट के SIR का ऐलान किया है। यह प्रक्रिया 4 नवंबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 को समाप्त होगी। इस बार के SIR में आधार कार्ड को वैध दस्तावेज माना गया है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
New Delhi: चुनाव आयोग ने बिहार में हुए एसआईआर (Special Intensive Revision) के बाद अब देश के 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में यह प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। इसका मकसद मतदाता सूची को अद्यतन, पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाना है। यह प्रक्रिया 4 नवंबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ पूरी होगी।
बिहार में हुए SIR के दौरान सबसे बड़ा विवाद पहचान दस्तावेजों को लेकर था। उस समय आधार कार्ड को वैध दस्तावेजों की सूची में शामिल नहीं किया गया था, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हुआ। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और अदालत के निर्देश पर चुनाव आयोग को इसे स्वीकार करना पड़ा। अब इस बार के एसआईआर में आधार कार्ड को पहले से ही मान्य दस्तावेज के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
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बिहार में यह प्रक्रिया करीब ढाई महीने में पूरी की गई थी, लेकिन अब आयोग ने इसे और अधिक समय देने का निर्णय लिया है। इस बार एसआईआर तीन महीने से भी अधिक अवधि तक चलेगा। नई व्यवस्था के तहत अगर मतदाता के पिता का नाम पहले से सूची में मौजूद है, तो बिना अतिरिक्त दस्तावेज के मतदाता का नाम मान्य कर लिया जाएगा। इससे ग्रामीण और अशिक्षित मतदाताओं के लिए प्रक्रिया काफी सरल हो जाएगी।
इस बार एन्युमरेशन फॉर्म के साथ ही मतदाता फॉर्म 6 भी भर सकेंगे। इससे नए मतदाताओं को अलग चरण का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बिहार में यह प्रक्रिया दूसरे चरण में होती थी, जिससे मतदाताओं को असुविधा होती थी।
एसआईआर के लिए प्रिंटिंग और प्रशिक्षण का कार्य 28 अक्टूबर से शुरू हो गया है और यह 3 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को डिजिटल वेरीफिकेशन, मोबाइल ऐप्स और रिपोर्टिंग टूल्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस बार की प्रक्रिया को तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बनाया जा रहा है ताकि हर मतदाता का डेटा सुरक्षित और सटीक तरीके से दर्ज किया जा सके।
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SIR का दूसरा चरण दावे और आपत्तियों का होगा। इस बार उन सभी को नोटिस भेजा जाएगा जिनके नाम सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं। उनकी सुनवाई की जाएगी और आवश्यक दस्तावेज मिलने पर नाम शामिल किया जाएगा। बिहार में केवल उन लोगों को नोटिस भेजे गए थे जो दस्तावेज नहीं दे पाए थे, लेकिन इस बार दायरा विस्तृत कर दिया गया है।
चुनाव आयोग ने जिन 12 राज्यों में एसआईआर शुरू करने का फैसला लिया है, उनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप को भी इस अभियान में शामिल किया गया है।
आयोग ने इस प्रक्रिया के लिए 5 लाख 33 हजार बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को नियुक्त किया है। इनके साथ 7 लाख 64 हजार राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और कार्यकर्ता भी मतदाता सत्यापन में सहयोग करेंगे। यह संयुक्त प्रयास सुनिश्चित करेगा कि किसी पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची से छूट न जाए।