मनरेगा से कैसे अलग है VB-G RAM G Bill-2025? जानें इसकी 3 सबसे अहम खूबियां

लोकसभा में ‘VB-G RAM G’ बिल पेश होते ही सियासी घमासान शुरू हो गया। सरकार इसे मनरेगा का विकल्प बता रही है, जिसमें 125 दिन रोजगार की गारंटी है। विपक्ष नाम परिवर्तन और प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा है।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 17 December 2025, 9:17 AM IST
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New Delhi: मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘विकसित भारतगारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-G RAM G बिल, 2025 पेश किया। बिल के आते ही विपक्षी दलों ने विरोध शुरू कर दिया और सदन में शोर-शराबा देखने को मिला। सरकार का दावा है कि यह कानून ग्रामीण रोजगार को नया ढांचा देगा, जबकि विपक्ष इसे मनरेगा के नाम और पहचान से छेड़छाड़ बता रहा है।

क्या है VB-G RAM G का फुल फॉर्म?

VB-G RAM G का पूरा नाम है-

V विकसित

B भारत

G गारंटर फॉर

R रोजगार एंड

A आजीविका

M मिशन

G ग्रामीण

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सरकार के मुताबिक यह कानून ‘विकसित भारत 2047’ के विजन के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका की गारंटी को मजबूत करेगा।

मनरेगा की जगह नया कानून

यदि यह बिल संसद से पारित हो जाता है, तो यह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह लेगा। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि जहां मनरेगा में 100 दिन के रोजगार की गारंटी थी, वहीं VB-G RAM G में इसे बढ़ाकर 125 दिन किया गया है। सरकार इसे ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाने और टिकाऊ अवसंरचना निर्माण से जोड़कर देख रही है।

125 दिन रोजगार और ‘विकसित भारत 2047’ का लक्ष्य

बिल में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे प्रत्येक परिवार को, जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने को तैयार हों, 125 दिनों का मजदूरी रोजगार दिया जाएगा। इसका उद्देश्य केवल रोजगार देना नहीं, बल्कि ग्रामीण सड़कों, जल-संरचनाओं, सिंचाई और अन्य स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण भी है।

VB-G RAM G Bill-2025 की 3 खास बातें

1. रोजगार की गारंटी बढ़ी: 100 से बढ़ाकर 125 दिन।

2. खर्च में राज्यों की हिस्सेदारी: पहले ज्यादातर खर्च केंद्र उठाता था, अब राज्यों को 10% से 40% तक योगदान देना होगा।

3. कृषि सीजन में रोक: बोवाई और कटाई के 60 दिनों में रोजगार कार्य नहीं होंगे, ताकि खेतों में मजदूरों की उपलब्धता बनी रहे।

Uproar in Parliament

संसद में हंगामा (Img- Internet)

विपक्ष का कड़ा विरोध

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि हर योजना का नाम बदलने की “सनक” समझ से परे है। उन्होंने मांग की कि बिना व्यापक चर्चा और सलाह के इस विधेयक को पारित न किया जाए और इसे स्थायी समिति को भेजा जाए। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी किसी एक परिवार के नहीं, पूरे देश के हैं। किसी निजी महत्वाकांक्षा के आधार पर कानून नहीं बनना चाहिए।”

शशि थरूर का तंज

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाना गलत है और गांधी का विजन राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक विकास का था। उनके मुताबिक, नाम बदलने से योजना की आत्मा पर असर पड़ता है।

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सरकार का पक्ष

सरकार का कहना है कि VB-G RAM G कोई नाम बदलने की कवायद नहीं, बल्कि ग्रामीण रोजगार का आधुनिकीकरण है। 125 दिन की गारंटी, राज्यों की भागीदारी और कृषि सीजन के अनुरूप प्रावधान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करेंगे।

आगे क्या?

बिल पर चर्चा और संशोधन की मांग के बीच यह देखना अहम होगा कि सरकार विपक्ष की आपत्तियों को कैसे संबोधित करती है। यदि पारित होता है, तो VB-G RAM G देश की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजनाओं में से एक के रूप में मनरेगा की जगह ले लेगा।

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  • News Delhi

Published : 
  • 17 December 2025, 9:17 AM IST