सोनभद्र में मूसलाधार बारिश से धंधरौल बांध फुल, सभी 22 फाटक खोलने पड़े; कई गांवों पर मंडराया बाढ़ का खतरा

सोनभद्र लगातार बारिश से धंधरौल बांध का जलस्तर 31 फीट पार, प्रशासन ने सभी 22 फाटक खोलने का लिया फैसला। 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कई गांवों में बाढ़ का खतरा, राजस्व टीमों को किया गया अलर्ट।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 23 August 2025, 8:01 PM IST
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Sonbhadra: जनपद में बीती रात से लगातार हो रही रुक-रुक कर तेज बारिश के चलते स्थिति गंभीर होती जा रही है। लगातार बारिश के कारण जिले के प्रमुख धंधरौल बांध का जलस्तर 31 फीट के पार पहुंच गया है, जिससे बांध के सभी 22 फाटक खोल दिए गए हैं। सिचाई विभाग ने बताया कि बांध से लगभग 10,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है।

घूरमा, मीना बाजार, चकरिया समेत कई गांव प्रभावित

धंधरौल बांध से छोड़े गए पानी की वजह से राबर्ट्सगंज तहसील क्षेत्र के कई गांवों जैसे घूरमा, मीना बाजार, मारकुंडी, चकरिया और कुसहिया में बाढ़ जैसे हालात बनने की आशंका है। इन क्षेत्रों के ग्रामीणों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है। जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग की टीमें अलर्ट मोड पर रखी हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी पूरी रखने को कहा है।

Sonbhadra Dhandhraul Dam

धंधरौल बांध

बांध से पानी के तेज बहाव का नजारा देखने के लिए स्थानीय लोग बड़ी संख्या में धंधरौल बांध पर इकट्ठा हो रहे हैं। लोगों में कौतूहल के साथ-साथ डर का भी माहौल है, क्योंकि जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कुछ जगहों पर प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया है।

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ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील

सिचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अगर बारिश का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो और अधिक पानी छोड़े जाने की संभावना है। प्रशासन ने संभावित प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव दलों को तैनात करने का निर्देश दिया है। साथ ही ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे नदियों व नालों के पास न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।

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धंधरौल बांध, जो अपनी सुंदरता और पर्यटन के लिए जाना जाता है, अब तेज बहाव और जल प्रबंधन का केंद्र बन गया है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, कई वर्षों बाद बांध का जलस्तर इस हद तक बढ़ा है कि सभी फाटकों को खोलना पड़ा है।

इस बारिश ने जहां जल स्रोतों को भर दिया है, वहीं दूसरी ओर निचले इलाकों में रहने वालों के लिए परेशानी का सबब भी बन गई है। स्कूलों व आंगनबाड़ियों को सतर्क किया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

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