कॉर्बेट में वन्य जीवों को बचाने का संकल्प, बच्चों की साइकिल रैली और पर्यावरण संदेशों ने जगाई जागरूकता की अलख

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणी सप्ताह की शुरुआत बच्चों की सक्रिय भागीदारी से हुई। साइकिल रैली, प्रभात फेरी और हस्ताक्षर अभियान ने दिया पर्यावरण जागरूकता का संदेश। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों की रचनात्मकता और संकल्प ने आयोजन को खास बना दिया।

Updated : 1 October 2025, 6:01 PM IST
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Ramnagar: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में बुधवार को वन्य प्राणी सप्ताह 2025 की शुरुआत खास अंदाज़ में हुई। जहां एक ओर बच्चों ने हाथों में पर्यावरण संरक्षण के संदेश लिखी तख्तियाँ लेकर प्रभात फेरी निकाली, वहीं दूसरी ओर रंग-बिरंगे परिधानों में सजे छात्रों ने साइकिल रैली निकालकर वन्य जीवन और वनों की सुरक्षा का संदेश दिया। आयोजन की थीम रही- 'प्रकृति से प्रेम, संरक्षण में श्रम।'

बच्चों की रचनात्मक भागीदारी बनी आकर्षण का केंद्र

सीटीआर के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा, 'वन्य प्राणी सप्ताह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक अभियान है- प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी को समझने और निभाने का।' उन्होंने बताया कि इस सप्ताह का उद्देश्य बच्चों और युवाओं में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और सहभागिता की भावना को प्रोत्साहित करना है।

कार्यक्रम में रामनगर और आसपास के स्कूलों से सैकड़ों छात्रों ने भाग लिया। खास बात यह रही कि कुछ बच्चे खुद को बाघ, हाथी, हिरण और पक्षियों की वेशभूषा में सजाकर कार्यक्रम में शामिल हुए। रैली में 'पंकज आर्य' नामक छात्र ने बाघ की वेशभूषा में शामिल होकर सभी का ध्यान खींचा। उसने कहा, 'मैं टाइगर बना हूं ताकि लोग समझें कि हमें जंगल के राजा को भी बचाना है।'

हस्ताक्षर अभियान और संकल्प पत्र की भी रही धूम

रैली के समापन पर प्रतिभागियों ने एक बड़े संकल्प बैनर पर अपने हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने वन्यजीवों की रक्षा, अवैध शिकार के खिलाफ आवाज़ उठाने और अधिक से अधिक पेड़ लगाने का संकल्प लिया। इस मौके पर एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, जिसमें बच्चों से लेकर बड़ों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

रैली में शामिल छात्रा रिद्धि शर्मा ने कहा, 'हमें लगता है कि जंगल केवल जानवरों का घर नहीं, बल्कि हमारा भविष्य भी वहीं से जुड़ा है। अगर हम आज नहीं जागे, तो कल बहुत देर हो जाएगी।'

विधायक ने भी बढ़ाया उत्साह

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे रामनगर के विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने बच्चों और आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलती है। उन्होंने कहा, 'हमारी आने वाली पीढ़ी को प्रकृति से जोड़ना बेहद जरूरी है, और ये कार्यक्रम उस दिशा में एक सशक्त पहल है।'

7 अक्टूबर को होगा समापन, विजेताओं को मिलेगा सम्मान

कार्यक्रम समिति के अनुसार, वन्य प्राणी सप्ताह के तहत पूरे हफ्ते विविध गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिनमें वाद-विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला, निबंध लेखन और वन्य जीवों पर आधारित फिल्म प्रदर्शन शामिल हैं। 7 अक्टूबर को सप्ताह के समापन पर साइकिल रैली में विजेता रहे बच्चों और अन्य प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।

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ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी आई सामने

डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि वन्य प्राणी सप्ताह की शुरुआत साल 1952 में हुई थी, जिसका उद्देश्य था वन्य जीवों और पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर एक राष्ट्रव्यापी चेतना फैलाना। आज यह कार्यक्रम पूरे देश में मनाया जाता है और हर वर्ष नई पीढ़ी को प्रकृति के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाता है।

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डॉ. साकेत बडोला (डायरेक्टर, सीटीआर) ने कहा- बच्चों की भागीदारी देख कर भरोसा होता है कि संरक्षण की लौ बुझने नहीं वाली। वहीं एक छात्रा रिद्धि शर्मा ने कहा- प्रकृति को बचाने की जिम्मेदारी अब हमारी पीढ़ी की है। छात्र पंकज आर्य ने कहा- अगर जंगल खत्म हुए, तो टाइगर भी सिर्फ कहानियों में रह जाएगा।

Location : 
  • Ramnagar

Published : 
  • 1 October 2025, 6:01 PM IST