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भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की पहल पर एवोक इंडिया फाउंडेशन, लखनऊ द्वारा गुरुवार, 7 अगस्त 2025 को रेडिएंट पब्लिक स्कूल, दरियाबाद में एक दिवसीय जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने तथा आमजन को बैंकिंग से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी देने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास रहा।
जागरूकता कार्यशाला का सफल आयोजन
Barabanki: भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की पहल पर एवोक इंडिया फाउंडेशन, लखनऊ द्वारा गुरुवार, 7 अगस्त 2025 को रेडिएंट पब्लिक स्कूल, दरियाबाद में एक दिवसीय जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने तथा आमजन को बैंकिंग से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी देने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत एवोक इंडिया फाउंडेशन के वरिष्ठ प्रशिक्षक श्री के. के. माथुर द्वारा स्वागत भाषण से की गई। उन्होंने आरबीआई की इस पहल की उपयोगिता और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जागरूक ग्राहक ही वित्तीय व्यवस्था की रीढ़ होते हैं।
इसके पश्चात वरिष्ठ बैंकर एवं प्रशिक्षक सुश्री आकांक्षा गुप्ता ने पावर पॉइंट प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से उपस्थितजनों को बैंकिंग से जुड़ी विभिन्न सेवाओं जैसे—सुरक्षित लेन-देन, खाता सुरक्षा, ग्राहक अधिकार, ऋण प्राप्ति की प्रक्रिया, साइबर धोखाधड़ी से बचाव और शिकायत निवारण प्रणाली के बारे में सरल भाषा में जानकारी दी।
कार्यक्रम में प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने बैंकिंग से संबंधित विविध प्रश्न पूछे और प्रशिक्षकों ने उन्हें सटीक एवं संतोषजनक उत्तर प्रदान किए।
समापन के अवसर पर रेडिएंट पब्लिक स्कूल के संस्थापक राय यशोवर्धन बली ने आयोजकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यशाला की सराहना की। उन्होंने इसे एक सकारात्मक पहल बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में वित्तीय जागरूकता लाने में अत्यंत सहायक सिद्ध होते हैं।
कार्यक्रम में खंड शिक्षा अधिकारी मनीराम वर्मा, विद्यालय डायरेक्टर विभु बली, राय आनंदवर्धन बली, जगदीश कुमार मिश्रा, लीलाधर मिश्रा, कुलदीप प्रताप सिंह, अजय सिंह, अमरेश कुमार तिवारी, ज्ञानचंद, आरती वर्मा सहित विद्यालय के शिक्षक, स्टाफ, अभिभावक और स्थानीय नागरिकों की सक्रिय सहभागिता रही। कुल मिलाकर लगभग 60 से अधिक प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में भाग लेकर अपने अनुभव साझा किए।
यह कार्यशाला न सिर्फ बैंकिंग ज्ञान में वृद्धि का माध्यम बनी, बल्कि लोगों को डिजिटल युग में सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम भी साबित हुई।