

प्रयागराज में गंगा नदी पर बन रहे 1948 करोड़ रुपये के सिक्स लेन ब्रिज में निर्माण के दौरान बड़ा हादसा हो गया। पिलर ले जा रहा ट्रक पलट गया और पिलर नदी में गिर गया। गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन प्रोजेक्ट पर असर की आशंका है।
सिक्स लेन ब्रिज में निर्माण के दौरान बड़ा हादसा
Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा नदी पर बनाए जा रहे सिक्स लेन ब्रिज के निर्माण के दौरान सोमवार को एक बड़ा हादसा हो गया। निर्माण कार्य के दौरान एक ट्रक से पिलर को उठाया जा रहा था, लेकिन असंतुलन के चलते ट्रक पलट गया और विशाल पिलर सीधे गंगा नदी में जा गिरा। इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन यह घटना न सिर्फ एक गंभीर सुरक्षा चूक की ओर इशारा करती है, बल्कि इसके चलते महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की समयसीमा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
यह सिक्स लेन ब्रिज प्रयागराज के मलाक हरहर से लाला लाजपत राय मार्ग तक लगभग 9.90 किलोमीटर लंबा है। इसकी कुल लागत 1948.25 करोड़ रुपये है। इस परियोजना की शुरुआत फरवरी 2021 में हुई थी और इसका उद्देश्य महाकुंभ 2025 से पहले इसे पूरा कर जनता के लिए खोलना था। शुरू में इस ब्रिज को फरवरी 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन निर्माण की धीमी रफ्तार और तकनीकी अड़चनों के चलते समय सीमा को एक साल बढ़ाकर फरवरी 2025 कर दिया गया।
हादसे के तुरंत बाद निर्माणदायी कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया। जांच शुरू कर दी गई है कि आखिर ट्रक पलटने और पिलर के गिरने की मुख्य वजह क्या थी। स्थानीय लोगों और मजदूरों का आरोप है कि निर्माण स्थल पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। भारी बारिश और फिसलन भरी जमीन के बीच ऐसे भारी उपकरणों और सामग्रियों को संभालने में और सतर्कता की आवश्यकता थी, जो संभवतः नहीं बरती गई।
नदी में गिरा पिलर
हादसे का वीडियो मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि भारी ट्रक के पलटते ही पिलर सीधे गंगा में गिरता है और मजदूर इधर-उधर भागते हैं। गनीमत रही कि कोई व्यक्ति इस हादसे में घायल नहीं हुआ, लेकिन यह एक बड़ा सवाल जरूर छोड़ गया है कि इतने महंगे और महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट में सुरक्षा को कैसे नजरअंदाज किया गया।
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हादसे के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि अब ब्रिज निर्माण और अधिक विलंबित हो सकता है। पहले ही कई बार समय सीमा बढ़ाए जाने के कारण यह परियोजना आलोचनाओं का शिकार हो चुकी है। अब इस हादसे ने निर्माण की गति पर और ब्रेक लगा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि गिरा हुआ पिलर अगर पुनः उपयोग नहीं हो पाया तो नए पिलर की ढुलाई, निर्माण और इंस्टॉलेशन में हफ्तों का समय लग सकता है।
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इस ब्रिज को महाकुंभ 2025 से पहले बनाकर खोलना बेहद जरूरी है क्योंकि यह प्रयागराज में यातायात और श्रद्धालुओं की आवाजाही को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लेकिन हादसे और निर्माण की सुस्त रफ्तार को देखते हुए अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या वाकई तय समय तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो पाएगा?