

भारत से MBBS करने के बाद अमेरिका में मेडिकल प्रैक्टिस का सपना अब कुछ हद तक संभव हो गया है। USMLE पास करने के बाद कई अमेरिकी राज्य बिना रेजिडेंसी के भी विदेशी डॉक्टरों को अस्थायी लाइसेंस दे रहे हैं। जानिए कौन से राज्य हैं और क्या है प्रक्रिया।
रेजिडेंसी के बिना अमेरिका में डॉक्टर बनना अब आसान
New Delhi: भारत में MBBS करने वाले हजारों छात्रों का सपना होता है कि वे अमेरिका जैसे विकसित देश में डॉक्टर बनकर काम करें। लेकिन यह राह जितनी आकर्षक लगती है, उतनी ही जटिल और महंगी भी है। अमेरिका में डॉक्टर बनने की प्रक्रिया भारत से पूरी तरह अलग है और इसमें समय, पैसा और कड़े परीक्षण शामिल हैं। फिर भी, कुछ रास्ते ऐसे हैं जो भारतीय MBBS ग्रेजुएट्स को अमेरिका में प्रैक्टिस करने की अनुमति देते हैं- बशर्ते वे कुछ विशेष शर्तें पूरी करें।
अमेरिका में मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के लिए छात्र को पहले चार साल का अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम पूरा करना होता है, जिसमें बायोलॉजी, कैमिस्ट्री आदि विषय होते हैं। इसके बाद छात्र को MCAT (Medical College Admission Test) पास करना होता है, जो मेडिकल स्कूल में दाखिले के लिए आवश्यक है। MCAT स्कोर के आधार पर डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (MD) प्रोग्राम में एडमिशन मिलता है, जिसकी अवधि चार साल होती है। कुल मिलाकर, कम से कम 8 साल केवल शिक्षा में लग जाते हैं, फिर आती है रेजिडेंसी की बारी, जो 3 से 7 साल तक हो सकती है।
भारत में 12वीं (PCB) के बाद NEET परीक्षा पास करके छात्र सीधे MBBS कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। यह कोर्स 5.5 साल का होता है, जिसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल होती है। यानी भारत में डॉक्टर बनने में कम समय लगता है और खर्च भी तुलनात्मक रूप से कम होता है।
भारत की MBBS डिग्री को अमेरिका मान्यता तो देता है, लेकिन इससे सीधे अमेरिका में प्रैक्टिस की अनुमति नहीं मिलती। अमेरिकी मेडिकल सिस्टम के तहत, International Medical Graduates (IMGs) को अमेरिका में मेडिकल प्रैक्टिस करने से पहले कुछ जरूरी शर्तें पूरी करनी होती हैं-
USMLE (United States Medical Licensing Examination) पास करना
ECFMG सर्टिफिकेशन प्राप्त करना
रेजिडेंसी प्रोग्राम में चयनित होकर उसे पूरा करना
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
हाल के वर्षों में अमेरिका में डॉक्टरों की भारी कमी के चलते कुछ राज्यों ने नियमों में ढील दी है। FSMB (Federation of State Medical Boards) की रिपोर्ट के अनुसार, अब करीब 18 अमेरिकी राज्यों ने ऐसे प्रोग्राम शुरू किए हैं, जिनके तहत कुछ योग्य विदेशी डॉक्टरों को अस्थायी मेडिकल लाइसेंस मिल सकता है, भले ही उन्होंने अमेरिका में रेजिडेंसी पूरी न की हो।
फ्लोरिडा, वर्जीनिया, विस्कॉन्सिन, इडाहो, मिनेसोटा और टेक्सास जैसे राज्य उन विदेशी डॉक्टरों को प्रैक्टिस की अनुमति दे रहे हैं, जिनके पास-
अपने देश में वैध मेडिकल लाइसेंस हो
पर्याप्त क्लिनिकल अनुभव हो
USMLE पास हो
कुछ समय तक सुपरवाइज्ड (निगरानी) प्रैक्टिस करने की सहमति हो
भारत से MBBS करने के बाद अमेरिका में डॉक्टर बनना पूरी तरह से असंभव नहीं है, लेकिन आसान भी नहीं। हालांकि कुछ राज्य रेजिडेंसी के बिना सीमित या अस्थायी रूप से प्रैक्टिस की अनुमति देने लगे हैं, फिर भी USMLE और अन्य प्रक्रियाएं जरूरी हैं। इस रास्ते में मेहनत, धैर्य और तैयारी की आवश्यकता है। अगर आप अमेरिका में मेडिकल करियर बनाना चाहते हैं, तो योजना बनाकर, सही जानकारी और मार्गदर्शन के साथ आगे बढ़ें।
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