

पिछले 10 दिनों में सोने की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है, जिससे बाजार में हलचल है। विशेषज्ञों के मुताबिक, वैश्विक तनाव में राहत और आर्थिक स्थिरता इसकी मुख्य वजह है। सितंबर में सोने के दाम क्या रह सकते हैं जानिए इस खबर में।
सोने के दामों में लगातार गिरावट
New Delhi: सोने की कीमतों में पिछले 10 दिनों से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिसने निवेशकों, व्यापारियों और ज्वैलर्स का ध्यान खींचा है। अगस्त की शुरुआत में जहां सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा था, वहीं अब इसमें गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है। 18 अगस्त तक 22 कैरेट सोना करीब ₹9,280 प्रति 10 ग्राम (लगभग ₹74,240 प्रति सॉवरेन) की दर से बिक रहा था।
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर आर्थिक स्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव में नरमी है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक रिश्तों में हालिया सुधार और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कूटनीतिक प्रयासों ने निवेशकों को सोने जैसे सुरक्षित निवेश से थोड़ा हटने पर मजबूर किया है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ कमोडिटी एंड करेंट रिसर्च, प्रणब मेहर का कहना है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी आर्थिक आंकड़े और यूएस फेडरल रिजर्व की बैठक सोने की दिशा तय करेंगे। उनका कहना है कि फिलहाल बाजार में 'वेट एंड वॉच' का मूड है और कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।
सोने में गिरावट का सबसे ज्यादा फायदा ज्वैलर्स को होता दिख रहा है। लंबे समय से ऊंचे दामों के कारण रुके हुए ग्राहक अब एक बार फिर बाजार में लौट सकते हैं। ज्वैलर्स का मानना है कि आगामी त्योहारी सीजन (दशहरा, दिवाली, धनतेरस) में यह गिरावट ग्राहकों के लिए अच्छी खबर साबित हो सकती है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सीनियर एनालिस्ट मानव मोदी के अनुसार, अगर वैश्विक तनाव और महंगाई पर नियंत्रण बना रहता है तो सोने में और गिरावट संभव है। हालांकि अगर यूएस फेड किसी अप्रत्याशित दर वृद्धि की घोषणा करता है या भू-राजनीतिक हालात फिर बिगड़ते हैं, तो सोना फिर से तेजी पकड़ सकता है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि सितंबर में सोना ₹71,000 से ₹74,000 प्रति 10 ग्राम के बीच रह सकता है, लेकिन यह अमेरिकी डॉलर की स्थिति, ब्याज दरें, और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर भी निर्भर करेगा।
अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो यह गिरावट आपके लिए एक अच्छा मौका हो सकता है। लेकिन शॉर्ट टर्म में मुनाफा कमाने की सोच रहे निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहना चाहिए और अगले आर्थिक संकेतों का इंतजार करना चाहिए। हालांकि किसी प्रकार के निवेश से पहले विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें डाइनामाइट न्यूज़ किसी प्रकार का सलाह नहीं देता है।