छांगुर बाबा के खिलाफ फतवा जारी, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष ने बताया इस्लाम विरोधी गतिविधियों में लिप्त

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक अहम धार्मिक और सामाजिक बयान सामने आया है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने विवादों में घिरे छांगुर बाबा के खिलाफ फतवा जारी किया है। मौलाना ने साफ शब्दों में कहा कि छांगुर बाबा के कार्य इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ हैं और उनके जैसे व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 18 July 2025, 9:11 PM IST
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Bareilly:  उत्तर प्रदेश के बरेली से एक अहम धार्मिक और सामाजिक बयान सामने आया है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने विवादों में घिरे छांगुर बाबा के खिलाफ फतवा जारी किया है। मौलाना ने साफ शब्दों में कहा कि छांगुर बाबा के कार्य इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ हैं और उनके जैसे व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, मौलाना ने कहा कि बीते कुछ दिनों से जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का नाम मीडिया और सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। उन पर आरोप हैं कि उन्होंने धर्मांतरण के लिए लालच और दबाव का प्रयोग किया और गैर मुस्लिम लड़कियों की मुस्लिम युवकों से जबरन शादी कराई। यही नहीं, बाबा ने अपने घर में खुद की कब्र भी बनवा रखी थी और उनके पास एक युवा टीम थी, जिसके जरिए वे लोगों पर दबाव बनाते थे।

इस्लाम में नहीं है जबरन धर्म परिवर्तन की जगह

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि इस्लाम में जबरदस्ती धर्म परिवर्तन की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारे प्यारे नबी पैगम्बर मोहम्मद साहब ने कभी किसी को जबरन इस्लाम कुबूल करने के लिए मजबूर नहीं किया। इस्लाम का प्रचार मोहब्बत, सद्भाव और इंसानियत के ज़रिए होता है, न कि दबाव या लालच से।”

उन्होंने कहा कि इस्लाम में गैर मुस्लिमों की जान और इज्जत की हिफाजत करना भी एक बड़ी जिम्मेदारी है। अगर कोई मुसलमान गलत करता है तो इस्लामी नजरिये से उसे भी सज़ा दी जाती है। छांगुर बाबा जैसे लोग इस्लाम को बदनाम करते हैं और समाज में नफरत और भ्रम फैलाते हैं।

मुस्लिम समाज से बहिष्कार की अपील

मौलाना ने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे ऐसे व्यक्तियों का सामाजिक और धार्मिक बहिष्कार करें जो इस्लाम के नाम पर गैरकानूनी और अनैतिक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने चेताया कि ऐसे लोग धर्म और समाज दोनों को नुकसान पहुंचाते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई होना जरूरी है।

मौलाना के इस बयान को मुस्लिम समाज के बीच एक स्पष्ट धार्मिक संदेश माना जा रहा है, जो बताता है कि इस्लाम किसी भी तरह की कट्टरता या दबाव की राजनीति का समर्थन नहीं करता।

 

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