

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 205.59 मीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे की रेखा से ऊपर है। निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। बारिश और बैराज से छोड़े पानी से स्थिति गंभीर हो सकती है।
यमुना फिर उफान पर
New Delhi: राजधानी दिल्ली एक बार फिर यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से डरी-सहमी है। रविवार को नदी का स्तर 205.59 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से ऊपर है। लगातार बढ़ते पानी ने लोगों और प्रशासन दोनों की चिंता बढ़ा दी है।
यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर जाकर 205.59 मीटर पर दर्ज किया गया। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बरकरार है। आईटीओ, मजनू का टीला, लोहे का पुल और आसपास के कई निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना बनी हुई है।
राजस्व विभाग और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने हालात पर लगातार नजर रखनी शुरू कर दी है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करने की कवायद भी तेज कर दी गई है। राहत शिविर तैयार रखे गए हैं और एनडीआरएफ की टीमों को standby पर रखा गया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं, लेकिन जलस्तर और बढ़ा तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
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यमुना किनारे बसे कई परिवारों के लिए यह स्थिति मुसीबत बन गई है। हर बार की तरह इस बार भी उन्हें अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर जाना पड़ सकता है। प्रभावित इलाकों में पानी भरने से लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित होने लगी है। यातायात और बाजारों पर भी इसका असर दिखने की संभावना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी और NCR व आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे खतरा और बढ़ सकता है।
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दिल्ली सरकार ने जनता से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। खासकर निचले इलाकों में रहने वाले लोग सतर्क रहें और जरूरत पड़ने पर तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर चले जाएं। कुल मिलाकर, यमुना का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। प्रशासन की चौकसी और लोगों की सतर्कता ही राजधानी को संभावित बाढ़ के खतरे से बचा सकती है।