India-Pakistan War: पाकिस्तान को हर बार धूल चटा चुका है भारत, जानिये अब तक हुए भारत-पाक जंग की कहानियां

डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिए भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के इतिहास के बारे में।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 9 May 2025, 1:05 PM IST
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नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है। इस बीच 6 और 7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भारत और पाकिस्तान आमने-सामने आए हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का इतिहास विभाजन के तुरंत बाद शुरू हुआ। वर्ष 1947-48 में दोनों देशों के बीच पहला युद्ध, जिसे "प्रथम कश्मीर युद्ध" कहा जाता है, तब शुरू हुआ जब हजारों की संख्या में कबायली लड़ाके पाकिस्तानी सेना की मदद से जम्मू-कश्मीर में घुस आए।

डायनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस आक्रमण के बाद जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह को भारत से सैन्य सहायता प्राप्त करने के लिए विलय पत्र पर हस्ताक्षर करना पड़ा। भारत ने कश्मीर में सेना भेजी और हमलावरों को पीछे धकेला। यह संघर्ष 1 जनवरी 1949 को संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से युद्ध विराम के साथ समाप्त हुआ। इस युद्ध के बाद कश्मीर दो भागों में विभाजित हो गया- दो तिहाई हिस्सा भारत ने अपने पास रखा जबकि एक तिहाई हिस्सा पाकिस्तान के नियंत्रण में चला गया, जिसे आज पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) कहा जाता है।

दूसरा युद्ध 1965 ऑपरेशन जिब्राल्टर और ताशकंद समझौता

1965 में पाकिस्तान ने फिर से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने के इरादे से ऑपरेशन जिब्राल्टर शुरू किया। उनका उद्देश्य वहां के लोगों को भारत के खिलाफ विद्रोह के लिए उकसाना था, लेकिन भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान की सीमा तक पहुंच गई। यह युद्ध 17 दिनों तक चला और भारी क्षति के बाद सोवियत संघ और अमेरिका के दबाव में ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। कई रिपोर्टों के अनुसार, युद्ध के समय भारत पाकिस्तान के मुकाबले रणनीतिक रूप से अधिक मजबूत स्थिति में था।

तीसरा युद्ध 1971 बांग्लादेश की स्थापना

भारत-पाकिस्तान युद्ध का तीसरा अध्याय 1971 में लिखा गया, जो बांग्लादेश की स्वतंत्रता की पृष्ठभूमि में हुआ था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में नागरिकों पर अत्याचार किए, जिसके कारण लाखों शरणार्थी भारत आ गए। भारत ने सैन्य हस्तक्षेप किया और पाकिस्तान को चारों तरफ से घेर लिया। इस युद्ध में 93,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, जिसे किसी भी युद्ध में सबसे बड़ा आत्मसमर्पण माना जाता है। भारत और सोवियत संघ के बीच 1971 की संधि के कारण, जब अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की, तो रूस ने अपनी नौसेना और वायु सेना भेजकर भारत को पूरा समर्थन दिया। यह युद्ध इतिहास में पाकिस्तान की एक बड़ी सैन्य हार और बांग्लादेश की स्वतंत्रता के रूप में दर्ज हुआ।

चौथा युद्ध 1999 कारगिल विजय

कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में हुआ था, जब पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पार करके भारत के कारगिल क्षेत्र की ऊंची चोटियों पर कब्ज़ा कर लिया था। भारत ने तुरंत ऑपरेशन विजय शुरू किया और दो महीने तक चले संघर्ष के बाद घुसपैठ को लगभग पूरी तरह से खत्म कर दिया। भारत ने इस युद्ध में रणनीतिक और सैन्य रूप से जीत हासिल की, जबकि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा। अमेरिका और वैश्विक दबाव के कारण पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा। युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने अपने मारे गए सैनिकों की संख्या और पहचान छिपाने की भी कोशिश की, जिसके कारण वहां विरोध और असंतोष फैल गया।

ऑपरेशन सिदूर

आज भी भारत-पाक संघर्ष का एक नया अध्याय सामने आया है। आतंकी हमलों और पाकिस्तान की नापाक हरकतों के बीच भारत ने जवाबी कार्रवाई शुरू की है, जिसे "ऑपरेशन सिदूर" नाम दिया गया है। यह ऑपरेशन उन शहीद महिलाओं को न्याय दिलाने का प्रतीक है, जिनके पतियों ने सीमा पर देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और पाकिस्तान को हर मोर्चे पर करारा जवाब दिया।

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