

कल यानी 9 सितंबर को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन आमने-सामने हैं। आंकड़ों के हिसाब से एनडीए के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन की स्थिति मजबूत है। क्रॉस वोटिंग ही विपक्ष की आखिरी उम्मीद बची है।
उपराष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन आमने-सामने
New Delhi: भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है। 9 सितंबर को मतदान होगा और उसी दिन शाम तक परिणाम भी सामने आ जाएगा। इस बार का उपराष्ट्रपति चुनाव सामान्य से कुछ अलग है, क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने कार्यकाल को बीच में ही स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 2022 में पदभार ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल 2027 तक निर्धारित था, लेकिन अब नया उपराष्ट्रपति चुना जाना तय है।
इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता सी. पी. राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है। वहीं विपक्षी INDIA गठबंधन ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज और तेलंगाना के रहने वाले जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही उम्मीदवार सम्मानित व्यक्तित्व हैं, लेकिन असली मुकाबला आंकड़ों का है।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 8, 2025
क्या कहता है नंबर गेम?
उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 788 सांसद वोट डाल सकते हैं, लेकिन इस बार 7 सीटें खाली हैं, यानी 781 सांसद वोटिंग के पात्र हैं। जीत के लिए किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 391 वोटों की जरूरत होगी।
यदि क्रॉस वोटिंग नहीं होती है, तो एनडीए की जीत लगभग तय मानी जा रही है। एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 134 सांसद हैं। यानी कुल 427 सांसद- जो जरूरी बहुमत 391 से कहीं अधिक है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
इसके विपरीत, विपक्षी INDIA गठबंधन के पास लोकसभा में 249 और राज्यसभा में 105 सांसद हैं। यानी कुल 354 सांसद- जो कि बहुमत के आंकड़े से 37 कम हैं।
हालांकि राजनीति में कुछ भी संभव है, और विपक्ष उम्मीद कर रहा है कि कुछ निर्दलीय, क्षेत्रीय दल या असंतुष्ट सांसद उनके पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। लेकिन फिलहाल स्थिति साफ है कि एनडीए के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन मजबूत स्थिति में हैं और यदि सब कुछ सामान्य रहा, तो वे भारत के अगले उपराष्ट्रपति बन सकते हैं।
चुनाव से पहले दोनों ही गठबंधन अपने सांसदों को एकजुट रखने में जुटे हुए हैं। दिल्ली में होटल डिप्लोमैट और अशोका में NDA और INDIA गठबंधन के सांसदों की बैठकें चल रही हैं। व्हिप जारी किए गए हैं और हर सांसद को समय पर मतदान के लिए बुलाया गया है। इस बार का उपराष्ट्रपति चुनाव सामान्य चुनावों जितना चर्चा में भले न हो, लेकिन इसके नतीजे देश की उच्च राजनीति में संतुलन का संकेत देंगे।