TTD का एक्शन: 4 गैर-हिंदू कर्मचारियों पर गिरी गाज, जानें क्या हैं पूरा मामला

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने अपने चार कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि वे हिंदू धार्मिक संस्था में कार्यरत रहते हुए ईसाई धर्म का पालन कर रहे थे, जो TTD की आचार संहिता के विरुद्ध है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 19 July 2025, 1:55 PM IST
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New Delhi: तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) प्रशासन ने शनिवार को अपने चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इन पर आरोप है कि वे TTD की धार्मिक आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए ईसाई धर्म का पालन कर रहे थे।

TTD प्रशासन ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि यह सतर्कता विभाग की रिपोर्ट और आंतरिक जांच के आधार पर लिया गया है। यह संस्था की साख और अनुशासन को बनाए रखने की दिशा में उठाया गया कदम है।

निलंबित कर्मचारियों की सूची

  • बी. एलिजर- डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (क्वालिटी कंट्रोल)
  • एस. रोसी- स्टाफ नर्स, BIRD हॉस्पिटल
  • एम. प्रेमावती- ग्रेड-1 फार्मासिस्ट, BIRD हॉस्पिटल
  • डॉ. जी. असुंता- एसवी आयुर्वेदिक फार्मेसी

TTD के प्रवक्ता ने कहा कि इन कर्मचारियों की धार्मिक गतिविधियों को लेकर मिले दस्तावेज़ों और रिपोर्टों की पुष्टि के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।

TTD का कड़ा रुख

TTD एक हिंदू धार्मिक ट्रस्ट है, जो श्री वेंकटेश्वर मंदिर (तिरुपति बालाजी मंदिर) का संचालन करता है। TTD का स्पष्ट मानना है कि संस्था के अंतर्गत कार्यरत सभी कर्मचारियों को हिंदू धर्म की परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन करना अनिवार्य है। प्रशासन ने कहा TTD न केवल एक धार्मिक संस्था है, बल्कि आस्था का केंद्र भी है। ऐसे में कर्मचारियों का आचरण संस्था की छवि पर प्रभाव डालता है।

2007 में बदले थे नियम

गौरतलब है कि वर्ष 2007 में TTD के सेवा नियमों में संशोधन किया गया था, जिसके तहत गैर-हिंदुओं की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि, यह नियम पहले से कार्यरत गैर-हिंदू कर्मचारियों पर लागू नहीं था। TTD अब उन कर्मचारियों को दूसरे विभागों में ट्रांसफर करने या VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) देने की योजना पर भी काम कर रहा है।

सरकार की भूमिका

आंध्र प्रदेश की वर्तमान सरकार, विशेष रूप से मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि TTD जैसे धार्मिक संगठनों में केवल हिंदू धर्म को मानने वालों को ही सेवा में रहने दिया जाएगा। गैर-हिंदू कर्मचारियों को अन्य विभागों में स्थानांतरित किया जाएगा।

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