दिल्ली दंगा मामले में खालिद, शरजील और फातिमा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बहस, जानें क्या हैं दलीलें

दिल्ली दंगों से जुड़े यूएपीए मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम और गुलफिशा फातिमा ने जमानत याचिका दायर की। खालिद ने हिंसा से जुड़े आरोपों को खारिज किया और कहा कि उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। फातिमा और इमाम ने भी जमानत पर दलील दी कि वे लंबे समय से जेल में हैं।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 31 October 2025, 5:23 PM IST
google-preferred

New Delhi: दिल्ली में फरवरी 2020 में हुई हिंसा से जुड़े यूएपीए मामलों में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई शुक्रवार, 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई। कार्यकर्ता उमर खालिद, शरजील इमाम और गुलफिशा फातिमा ने आरोपों के खिलाफ जमानत के लिए कोर्ट में दलीलें दीं।

तीनों पर क्या है आरोप?

इन आरोपियों पर दिल्ली दंगों को लेकर साजिश रचने का आरोप है, जिसमें 53 लोग मारे गए और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। दंगे नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान भड़के थे।

उमर खालिद ने पेश की अपनी दलीलें

उमर खालिद के वकील, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि खालिद के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं है जो उसे हिंसा से जोड़ता हो। सिब्बल ने यह भी कहा कि खालिद के खिलाफ लगाए गए साजिश के आरोप पूरी तरह से गलत हैं, क्योंकि वह जिस दिन दंगे हुए, उस दिन दिल्ली में नहीं थे। सिब्बल ने यह भी कहा कि खालिद के खिलाफ कोई धन, हथियार या अन्य भौतिक साक्ष्य बरामद नहीं हुए हैं।

सिब्बल ने यह तर्क भी दिया कि अगर खालिद ने दंगों की साजिश रची होती, तो उसे गिरफ्तार करने के दौरान कोई ठोस सबूत मिलना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि खालिद के साथी कार्यकर्ताओं को जमानत मिल चुकी है, जैसे नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा को, तो खालिद को भी समानता के आधार पर जमानत मिलनी चाहिए।

गुलफिशा फातिमा ने भी दी जमानत की दलील

गुलफिशा फातिमा के वकील, सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में बताया कि फातिमा 5 साल 5 महीने से जेल में बंद हैं, जबकि उनका केस अभी तक पूरी तरह से निर्णायक स्थिति में नहीं पहुंच पाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अभियोजन पक्ष द्वारा समय-समय पर पूरक आरोपपत्र दायर करने की प्रक्रिया में अत्यधिक देरी हुई है। सिंघवी ने कहा कि यह एक साल का नियमित चलन बन चुका है और फातिमा को न्याय दिलाने में देरी हो रही है।

“एसपी सत्ता का दलाल बन चुका है”- चंदौली में फूटा सपा सांसद का गुस्सा; जानिए पूरा मामला

शरजील इमाम के वकील का बयान

शरजील इमाम के वकील, सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने कोर्ट में अपनी दलीलें प्रस्तुत कीं। उन्होंने कहा कि शरजील ने दंगों से लगभग दो महीने पहले अपने भाषण दिए थे, और दंगों से उसका कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। दवे ने यह भी कहा कि पुलिस ने अपनी जांच पूरी करने में तीन साल का समय लिया, लेकिन अभी तक यह साबित नहीं हुआ कि शरजील ने हिंसा भड़काई थी।

पुलिस का विरोध

दिल्ली पुलिस ने आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने शांति बनाए रखने के बजाय, शासन परिवर्तन के लिए साजिश रची थी। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि ये लोग देश की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे।

बाराबंकी में भीषण सड़क हादसा, डबल डेकर बस ने कार को मारी टक्कर; ऐसी बची कार सवारों की जान

सुनवाई का अगला दिन

इस मामले में सुनवाई बेनतीजा रही और सुप्रीम कोर्ट ने इसे 3 नवंबर, 2025 तक स्थगित कर दिया है। इस मामले में न्यायालय द्वारा आगे की सुनवाई में निर्णय लिया जाएगा कि इन कार्यकर्ताओं को जमानत दी जाए या नहीं।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 31 October 2025, 5:23 PM IST