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प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि लोगों का दम घुटने लगा है, सांस लेना मुश्किल हो गया है। लोग दिल्ली छोड़ने को मजबूर हैं। फिर से परेशान। अब सबसे बड़ा सवाल यही है-सरकार आखिर क्या कर रही है? क्या हमारे पास कोई ऐसी तकनीक, कोई ऐसा सिस्टम नहीं है जो दिल्ली को इस घातक प्रदूषण से बचा सके? सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण मामले की सुनवाई के दौरान प्रदूषण नियंत्रण पर सख्त टिप्पणी की।
प्रदूषण पर क्या कोई समाधान नहीं?
New Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में केंद्र और राज्य-दोनों जगह बीजेपी की सरकार यानी डबल इंजन की सरकार है। यहां देश के तमाम बड़े नेता, मंत्री और प्रधानमंत्री तक रहते हैं। इसके बावजूद हर साल की तरह इस बार भी राजधानी की हवा जहर बन चुकी है। प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि लोगों का दम घुटने लगा है, सांस लेना मुश्किल हो गया है।
प्रदूषण को लेकर सवाल?
दरअसल, पहले जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब भी प्रदूषण को लेकर सवाल उठते थे। लोगों ने उसी उम्मीद में राजधानी में बीजेपी को चुना कि शायद अब दिल्ली की समस्याएं दूर होंगी। लेकिन आज हालात लगभग वैसे ही हैं-हवा फिर से जहरीली है और लोग दिल्ली छोड़ने को मजबूर हैं। फिर से परेशान।
'सांस लेने का अधिकार'
नेता और मंत्री तो अपने सुरक्षित बंगलों में रहते हैं,शायद उन्हें ये प्रदूषण उतना महसूस भी न होता हो। लेकिन दिल्ली की आम जनता रोज़मर्रा के कामों के लिए घर से बाहर निकलने को मजबूर है और प्रदूषण की मार झेलते-झेलते बीमार पड़ रही है। सवाल ये है कि जब हम नेताओं को इसलिए चुनते हैं कि वे हमारी समस्याओं का समाधान करें-तो फिर देश की राजधानी में रहने वाले लोगों की सबसे बड़ी समस्या- 'सांस लेने का अधिकार' अब भी अधूरा क्यों है?
एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप
देश के विकास के लिए लोगों का स्वस्थ रहना सबसे जरूरी है,लेकिन प्रदूषण हर दिन लोगों को जहर पिलाने जैसा असर कर रहा है। इसके बावजूद सरकारें सिर्फ एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती रहती हैं। क्या वास्तव में कोई ठोस समाधान नहीं है? अगर इसी तरह हालात बिगड़ते रहे तो दिल्ली में लोगों का जीना मुश्किल होता जाएगा,क्योंकि किसी भी व्यक्ति के लिए स्वस्थ रहना सबसे पहली आवश्यकता है।
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सरकार आखिर क्या कर रही है?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है-सरकार आखिर क्या कर रही है? क्या हमारे पास कोई ऐसी तकनीक, कोई ऐसा सिस्टम नहीं है जो दिल्ली को इस घातक प्रदूषण से बचा सके? वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण मामले की सुनवाई के दौरान प्रदूषण नियंत्रण पर सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि चुप नहीं बैठ सकते हैं, प्रदूषण कम किया जा सकता है।