सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान: कोई हाथी रखना चाहता है तो गलत क्या? वनतारा को मिली क्लीन चिट

सुप्रीम कोर्ट में जामनगर स्थित वनतारा वन्यजीव केंद्र में अवैध वन्यजीव कैद और हस्तांतरण को लेकर दायर याचिका पर एसआईटी की रिपोर्ट पेश की गई। जांच में वनतारा को क्लीन चिट मिली। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति नियमों का पालन कर हाथी पालना चाहता है, तो इसमें कोई गलत बात नहीं है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 15 September 2025, 2:03 PM IST
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Jamnagar: गुजरात के जामनगर में स्थित वनतारा वन्यजीव केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अनंत अंबानी के इस प्राणी पुनर्वास केंद्र पर लगाए गए वन्यजीवों की अवैध कैद और अवैध हस्तांतरण के आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट में वंतारा को क्लीन चिट दी गई है।

वनतारा को सुप्रीम कोर्ट से मिली क्लीन चिट

मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी द्वारा स्थापित वन्यजीव संरक्षण एवं पुनर्वास केंद्र 'वनतारा' को सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है। वाइल्डलाइफ एक्ट के कथित उल्लंघन, अवैध वन्यजीव आयात और जानवरों की गलत देखभाल जैसे गंभीर आरोपों की जांच के बाद SIT ने कहा कि केंद्र में सभी प्रक्रियाएं नियमों के तहत हुईं।

SIT रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश

जस्टिस जे. चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) ने शुक्रवार को एक सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की। इसमें एक पेन ड्राइव भी संलग्न थी जिसमें विस्तृत जांच रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज शामिल थे। सोमवार को न्यायमूर्ति पंकज मिथल और पी.बी. वराले की पीठ ने रिपोर्ट का अवलोकन कर उसे रिकॉर्ड में ले लिया।

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क्या था मामला?

वनतारा के खिलाफ जनहित याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिनमें गैर-सरकारी संगठनों और मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से आरोप लगाया गया कि अनंत अंबानी के इस प्रोजेक्ट में हाथियों और अन्य वन्यजीवों को नियमों के खिलाफ आयात और बंदी बनाकर रखा गया है। याचिकाओं में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, अंतरराष्ट्रीय व्यापार संधियों (CITES), और आयात-निर्यात नियमों के उल्लंघन की बात कही गई थी।

कोर्ट ने कहा कि आमतौर पर इस प्रकार के सुनियोजित मीडिया प्रोपेगेंडा या अपुष्ट आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया जाता, लेकिन चूंकि मामला सार्वजनिक महत्व का है, इसलिए SIT जांच करवाई गई।

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जांच में क्या-क्या शामिल था?

SIT को यह जांच करने का निर्देश दिया गया था कि-

  • क्या भारत या विदेश से लाए गए वन्यजीवों का आयात वैध था?
  • क्या वन्यजीव अधिनियम और CITES के नियमों का पालन हुआ?
  • पशु कल्याण, देखभाल, चिकित्सा और मृत्यु दर की स्थिति क्या है?
  • क्या वनतारा का स्थान औद्योगिक क्षेत्र के निकट होने के कारण अनुचित है?

क्या यह सिर्फ एक निजी वैनिटी प्रोजेक्ट है?

SIT ने अपनी जांच में पाया कि वनतारा में सभी वैधानिक नियमों का पूर्ण अनुपालन हुआ है और जानवरों के देखभाल, संरक्षण और पुनर्वास के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

कोर्ट की टिप्पणी

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति हाथी रखना चाहता है और वह कानून का पालन करता है, तो इसमें गलत क्या है?” कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि SIT की रिपोर्ट के बाद अब और कोई जवाब या सुनवाई की आवश्यकता नहीं है।

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