

लेह में हालिया हिंसा के बाद, NGO के लाइसेंस रद्द किए जाने पर सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने सरकार को पूर्व में इस कदम पर गंभीर चेतावनी दी थी। मामला सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर गहराता जा रहा है।
सोनम वांगचुक गिरफ्तार
Leh Ladakh: लेह में हाल ही में हुई हिंसा ने पूरे इलाके में सुरक्षा और शांति के मामले को गंभीर बना दिया है। इस हिंसा के पीछे कई कारण बताये जा रहे हैं, जिनमें सामाजिक तनाव, राजनीतिक अस्थिरता और स्थानीय निकायों की भूमिका शामिल है। हिंसा के बाद प्रशासन ने कई कदम उठाए, जिसमें कुछ NGO के लाइसेंस रद्द करना भी शामिल था। इस क्रम में सोनम वांगचुक, जो एक प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और NGO के प्रमुख हैं, को गिरफ्तार किया गया है।
सोनम वांगचुक लंबे समय से लेह और आसपास के इलाकों में सामाजिक सुधार के लिए काम कर रहे थे। उनकी NGO ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास के क्षेत्र में कई परियोजनाएं चलाई हैं। हालांकि, उन्होंने सरकार को NGO के लाइसेंस को बिना उचित जांच के रद्द करने पर कड़ी चेतावनी दी थी। सोनम का दावा था कि यह कदम क्षेत्र में सामाजिक अस्थिरता को और बढ़ावा देगा। बावजूद इसके, प्रशासन ने उनके NGO का लाइसेंस रद्द कर दिया।
सोनम वांगचुक गिरफ्तार
सरकार ने कहा है कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम था। प्रशासन के अनुसार, सोनम वांगचुक के खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें हिंसा को बढ़ावा देना और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ना शामिल है। प्रशासन ने यह भी कहा कि वे किसी भी ऐसे व्यक्ति को बख्शेंगे नहीं जो क्षेत्र की शांति भंग करने की कोशिश करता है।
NGO के लाइसेंस रद्द होने से क्षेत्र में कई विकासात्मक परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। इस NGO के तहत चल रही कई योजनाएं फिलहाल रुकी हुई हैं, जिससे स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष नुकसान हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस विवाद से क्षेत्र में गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका पर भी सवाल उठ सकते हैं।