

2025 का आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात को दिखाई देगा। जानिए चंद्र ग्रहण कैसे और क्यों होता है, इसे कैसे सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है और क्या यह स्वास्थ्य पर कोई असर डालता है? पढ़िए यह खास रिपोर्ट और बनिए एक खगोलीय दृश्य के साक्षी।
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का फाइल फोटो
New Delhi: हम सभी ने कभी न कभी सूर्य ग्रहण का अनुभव किया है, जब दिन में अचानक अंधेरा छा जाता है। लेकिन चंद्र ग्रहण, जो रात में होता है, उससे जुड़े कई सवाल लोगों के मन में रहते हैं- जैसे यह क्यों होता है, कैसे दिखता है और क्या इसे देखना सुरक्षित है?
चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूरज और चांद के बीच आ जाती है और पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है। यह घटना हमेशा पूर्णिमा की रात को होती है। जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में चला जाता है, तब उसे "पूर्ण चंद्र ग्रहण" कहते हैं। इस दौरान चंद्रमा पर एक विशेष लालिमा छा जाती है, जिसे "ब्लड मून" कहा जाता है।
Chandra Grahan 2025: साल का अंतिम चंद्र ग्रहण आज, जानिए समय, सूतक काल और सावधानियां
2025 में भारत में दो चंद्र ग्रहण हो रहे हैं। पहला 5 मई को हुआ था और दूसरा व अंतिम चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को रात 9:58 बजे से शुरू होकर सुबह 1:26 बजे तक रहेगा। यह खगोलीय घटना खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए खास अवसर बन जाती है।
सूर्य ग्रहण दिन में होता है जब चंद्रमा, सूरज और पृथ्वी के बीच आकर सूरज की रोशनी को रोक देता है। इससे दिन में अंधेरा सा हो जाता है। वहीं चंद्र ग्रहण रात में होता है और इसका प्रभाव केवल चांद पर दिखता है, वातावरण में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता।
सूर्य ग्रहण को देखने के लिए विशेष चश्मा पहनना ज़रूरी होता है क्योंकि सूरज की किरणें आंखों के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं। लेकिन चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखा जा सकता है क्योंकि इसमें कोई हानिकारक विकिरण नहीं होता।
यह एक वैज्ञानिक घटना है और इसका मानव शरीर या गर्भवती महिलाओं पर कोई असर नहीं पड़ता। कई धार्मिक और सामाजिक मान्यताएं इससे जुड़ी हो सकती हैं, लेकिन वैज्ञानिक रूप से ऐसा कोई प्रमाण नहीं है।