

भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट्स ने 18 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद आज 15 जुलाई को पृथ्वी की यात्रा शुरू की। उनके स्पेसक्राफ्ट का स्प्लैशडाउन 3 बजे कैलिफोर्निया के तट पर होगा। इस दौरान उनका अंतरिक्ष यात्रा अनुभव और वैज्ञानिक प्रयोग भारतीय अंतरिक्ष मिशन के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में बिताए 18 दिन
New Delhi: शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट्स 18 दिन के अंतरिक्ष मिशन के बाद 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौट रहे हैं। उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट आज दोपहर 3 बजे कैलिफोर्निया के तट पर स्प्लैशडाउन करेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, यह यात्रा करीब 23 घंटे लंबी होगी और इस दौरान स्पेसक्राफ्ट का तापमान 2,500°C तक पहुंच जाएगा।
महत्वपूर्ण मील के पत्थर
• 14 जुलाई: एस्ट्रोनॉट्स ने ISS से पृथ्वी के लिए अपनी यात्रा शुरू की। शाम 4:45 बजे स्पेसक्राफ्ट ने ISS के हार्मनी मॉड्यूल से अनडॉक किया।
• 15 जुलाई: स्पेसक्राफ्ट का कैलिफोर्निया के तट पर स्प्लैशडाउन। यात्रा की पूरी अवधि लगभग 23 घंटे रही।
18 दिनों में किए गए अहम कार्य
1. वैज्ञानिक प्रयोग: शुभांशु ने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लिया, जिनमें भारत के सात प्रयोग भी शामिल थे। खासतौर पर, उन्होंने अंतरिक्ष में मेथी और मूंग के बीजों को उगाया और हड्डियों के स्वास्थ्य पर अध्ययन किया।
2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद: 28 जून को शुभांशु ने ISS से लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी से बात की। इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष से भारत को बेहद भव्य बताते हुए कहा कि उन्होंने साथियों के साथ गाजर का हलवा भी खाया था।
3. छात्रों से संवाद: 3, 4 और 8 जुलाई को शुभांशु ने 500 से अधिक छात्रों से हैम रेडियो के माध्यम से संवाद किया। उनका उद्देश्य युवाओं में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के प्रति रुचि बढ़ाना था।
4. ISRO के साथ बातचीत: 6 जुलाई को शुभांशु ने ISRO के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद किया, जिसमें भारत के गगनयान मिशन पर चर्चा हुई।
5. पृथ्वी की अद्भुत तस्वीरें: उन्होंने ISS के कपोला मॉड्यूल से पृथ्वी की शानदार तस्वीरें खींचीं।
भारतीय अंतरिक्ष यात्रा की नई शुरुआत
शुभांशु शुक्ला 41 साल बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। 1984 में राकेश शर्मा के बाद यह दूसरा मौका है जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्रा पर गया। शुभांशु का यह अनुभव भारत के गगनयान मिशन में सहायक साबित होगा, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है।
एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा
शुभांशु शुक्ला "एक्सियम-4 मिशन" का हिस्सा हैं, जिसमें भारत ने 548 करोड़ रुपए चुकाए हैं। यह मिशन अमेरिकी स्पेस कंपनी एक्सियम, NASA, इसरो और स्पेसX की साझेदारी से हो रहा है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS)
ISS पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाला एक बड़ा अंतरिक्ष यान है, जिसमें एस्ट्रोनॉट्स रहते हैं और माइक्रो ग्रेविटी में प्रयोग करते हैं। यह स्टेशन 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
शुभांशु की यात्रा का इतिहास
इस यात्रा में शुभांशु ने 1984 में राकेश शर्मा द्वारा कहे गए प्रसिद्ध डायलॉग को याद किया। उन्होंने कहा भारत आज भी सारे जहां से अच्छा है और इस अविश्वसनीय यात्रा के लिए अपनी टीम का धन्यवाद किया।