

प्रियंका ने अपने संबोधन की शुरुआत देश की सेना को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने कहा, “मैं उन सभी जवानों को नमन करती हूं जो देश की रक्षा रेगिस्तान, घने जंगल, और बर्फीली पहाड़ियों में करते हैं। 1948 से अब तक जब-जब देश की अखंडता पर हमला हुआ, हमारे जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर भारत को सुरक्षित रखा।” यह बयान उन्होंने देशभक्ति की भावना के साथ दिया, जो उनके आगे के आरोपों की गंभीरता को और अधिक स्पष्ट करता है।
लोकसभा में प्रियंका गांधी
New Delhi: लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सरकार की सुरक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए इसे 'जिम्मेदारी से पलायन' करार दिया। प्रियंका गांधी ने अपनी भावनात्मक और आक्रामक शैली में सरकार से तीखे सवाल पूछे और कहा कि 26 निर्दोष नागरिकों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया।
"किसकी है जिम्मेदारी?"
प्रियंका गांधी ने लोकसभा में खड़े होकर सवाल दागा, “देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? क्या यह जिम्मेदारी इस देश के प्रधानमंत्री की नहीं है? गृह मंत्री की नहीं है? रक्षा मंत्री या एनएसए की नहीं है?” उनका यह सीधा हमला मोदी सरकार की कार्यशैली पर था, जिसे उन्होंने "जिम्मेदारी से भागने वाली सरकार" कहा।
जवानों को किया नमन
प्रियंका ने अपने संबोधन की शुरुआत देश की सेना को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने कहा, “मैं उन सभी जवानों को नमन करती हूं जो देश की रक्षा रेगिस्तान, घने जंगल, और बर्फीली पहाड़ियों में करते हैं। 1948 से अब तक जब-जब देश की अखंडता पर हमला हुआ, हमारे जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर भारत को सुरक्षित रखा।” यह बयान उन्होंने देशभक्ति की भावना के साथ दिया, जो उनके आगे के आरोपों की गंभीरता को और अधिक स्पष्ट करता है।
"सरकार को श्रेय लेना आता है, जिम्मेदारी नहीं"
केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत हुई थी, तब पूरा देश एकजुट था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने श्रेय तो लिया, लेकिन सिर्फ श्रेय लेने से जिम्मेदारी पूरी नहीं होती।”
"इतिहास मत सुनाइए, वर्तमान का जवाब दीजिए"
प्रियंका ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार हमेशा इतिहास की बात करती रहती है, जबकि जनता को वर्तमान की जवाबदेही चाहिए। प्रियंका ने आगे कहा, “आप इतिहास की बातें करते रहिए, हम वर्तमान की बात करेंगे। जनता यह जानना चाहती है कि आज उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?” उनके इस बयान पर सदन में कई बार तालियां भी गूंजती रहीं।
अमेरिकी राष्ट्रपति से मिला जख्म का जिक्र
प्रियंका गांधी ने हाल ही की एक अंतरराष्ट्रीय स्थिति का भी हवाला देते हुए कहा,“देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि जंग होते-होते रुक गई और उसका ऐलान न भारतीय सेना ने किया, न भारत सरकार ने, बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने किया।” उनके इस बयान ने सदन में हलचल मचा दी और सत्ता पक्ष की ओर से विरोध के स्वर उठे।
इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कटाक्ष
प्रियंका ने पूर्व प्रधानमंत्री और अपनी दादी इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए कहा, “इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान का विभाजन कर दिखाया था। वह किसी विदेशी नेता के बयान की मोहताज नहीं थीं। वह खुद फैसला करती थीं, खुद नेतृत्व करती थीं।” यह बयान उन्होंने मोदी सरकार की कथित ‘विदेश नीति पर निर्भरता’ की आलोचना करते हुए दिया।