

ऑपरेशन सिंदूर पर संसद की बहस अब सिर्फ सुरक्षा नहीं, बल्कि राजनीति, विदेश नीति और रणनीतिक कूटनीति का मसला बन चुकी है। सरकार और विपक्ष दोनों ही इस मुद्दे को जनभावनाओं से जोड़ रहे हैं। अब सबकी निगाहें प्रधानमंत्री मोदी के आज शाम के संबोधन पर टिकी हैं, जो इस पूरे घटनाक्रम की दिशा और देश की रणनीति को लेकर निर्णायक संकेत दे सकता है। आज का दिन सबसे अहम है।
ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाई सियासत
New Delhi: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद के दोनों सदनों में सियासी पारा चरम पर है। सोमवार से शुरू हुई लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा मंगलवार को भी जारी है। सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस, आरोप-प्रत्यारोप और कटाक्षों का दौर लगातार जारी है। आज दोपहर 12 से 1 बजे के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा को संबोधित करेंगे और विपक्ष के सवालों का जवाब देंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चर्चा का समापन करते हुए अपना संबोधन देंगे, जो आज का सबसे अहम राजनीतिक घटनाक्रम होगा।
खरगे करेंगे विपक्ष की अगुआई
इसी बीच राज्यसभा में भी आज से ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर चर्चा की शुरुआत हो चुकी है। उच्च सदन में कुल 16 घंटे की बहस के लिए समय तय किया गया है, जिसमें से कांग्रेस को लगभग दो घंटे का समय मिला है। विपक्ष की ओर से राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस चर्चा की अगुवाई करेंगे और सरकार की रणनीति, खुफिया तंत्र की चूक और विदेशी नीति पर सवाल उठाएंगे।
डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर विपक्ष हमलावर
चर्चा के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका था। ट्रंप ने कई मंचों से दावा किया कि व्यापारिक दबाव बनाकर उन्होंने दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम कराया। भले ही भारत सरकार ने पहले ही इन दावों को खारिज कर दिया है, लेकिन विपक्ष इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि और विदेश नीति से जोड़ते हुए सरकार पर दबाव बना रहा है।
विदेश नीति और सुरक्षा व्यवस्था पर विपक्ष के सवाल
राहुल गांधी समेत पूरा विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को किसी अंतरराष्ट्रीय समर्थन न मिलने का मुद्दा लगातार उठा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग पड़ रही है और पाकिस्तान को लेकर सरकार की नीति भ्रमित करने वाली है। साथ ही पहलगाम हमले में आतंकियों के घाटी तक पहुंचने और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न होने को लेकर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है।
सोमवार को लोकसभा में क्या हुआ
सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। उन्होंने कहा कि अब भारत आतंकियों पर सिर्फ डोजियर नहीं भेजता, बल्कि सीधे कार्रवाई करता है। उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन के दौरान सिर्फ 22 मिनट में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया।विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बहस की शुरुआत की। उन्होंने रक्षा मंत्री पर तथ्यों से बचने और गोलमोल जवाब देने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के संघर्ष विराम के दावों, सुरक्षा चूक और खुफिया तंत्र की नाकामी पर सरकार से तीखे सवाल किए।
और यह भी बड़ी बात हुई...
टीएमसी के कल्याण बनर्जी ने प्रधानमंत्री पर तंज कसा, जबकि समाजवादी पार्टी के एसटी राजभर ने सरकार की रणनीति पर सवाल खड़े किए। जेडीयू के ललन सिंह का भाषण सबसे अलग अंदाज़ में रहा। वहीं, भाजपा के अनुराग ठाकुर ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एलओपी नहीं बल्कि एलओबी (भारत के विरोध में बोलने वाला) तक कह दिया।
जयशंकर और राजनाथ सिंह ने विपक्ष को दिया करारा जवाब
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 22 अप्रैल से 17 जून तक किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष बातचीत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने ही संघर्ष विराम की पेशकश की थी, क्योंकि वह मोर्चे पर हार रहा था।
राजनाथ सिंह ने दिया जवाब
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दो टूक कहा कि भारत ने संघर्ष विराम पाकिस्तान के डीजीएमओ के आग्रह पर स्वीकार किया, लेकिन पहले भारत ने अपने स्तर पर निर्णायक कार्रवाई करते हुए आतंकियों को ठिकाने लगाया।
आज का दिन अहम
आज की बहस का केंद्र दो प्रमुख नेता होंगे गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। दोपहर में शाह विपक्ष के आरोपों का जवाब देंगे, वहीं शाम को मोदी समापन भाषण देंगे। माना जा रहा है कि दोनों नेता ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि, सुरक्षा नीति, पाकिस्तान के खिलाफ रणनीति और विपक्ष के आरोपों पर सरकार की स्थिति को विस्तार से स्पष्ट करेंगे।