

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जो विशेष रूप से किसानों के लिए शुरू की गई हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पीएम किसान सम्मान निधि योजना
नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा संचालित कई योजनाएं देश के विभिन्न वर्गों को लाभ पहुंचाने का काम करती हैं। इनमें से एक प्रमुख योजना है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जो विशेष रूप से किसानों के लिए शुरू की गई हैं। इस योजना के तहत पात्र किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो 2,000 रुपये की तीन किस्तों में उनके बैंक खातों में जमा की जाती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, लेकिन इसके साथ ही जालसाजों ने भी इसे ठगी का जरिया बना लिया है। अगर आप भी इस योजना से जुड़े हैं और 20वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। आइए जानते हैं कि जालसाज किस तरह ठगी कर सकते हैं और इससे बचने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
जालसाजों के ठगी के तरीके
1.फर्जी कॉल्स और ई-केवाईसी का झांसा
जालसाज अक्सर किसानों को फोन कॉल के जरिए निशाना बनाते हैं। वे खुद को सरकारी अधिकारी या पीएम किसान योजना से जुड़ा व्यक्ति बताकर ई-केवाईसी (e-KYC) करवाने के लिए कहते हैं। वे आपसे बैंक खाते की जानकारी, आधार नंबर या ओटीपी जैसी गोपनीय जानकारी मांग सकते हैं। यह पूरी तरह से फर्जी होता है। ऐसे कॉल्स पर भरोसा न करें और अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
2.भू-सत्यापन के नाम पर डराना
कई बार जालसाज किसानों को भू-सत्यापन (land verification) के नाम पर डराते हैं। वे कह सकते हैं कि अगर आपने भू-सत्यापन नहीं करवाया या उनकी मांग के अनुसार जानकारी नहीं दी, तो आपका आवेदन रद्द हो जाएगा। यह भी एक ठगी का तरीका है। भू-सत्यापन के लिए हमेशा आधिकारिक कृषि कार्यालय या अधिकृत केंद्रों पर ही संपर्क करें।
3.अनजान लिंक्स के जरिए ठगी
जालसाज अक्सर किसानों के मोबाइल पर अनजान लिंक्स भेजते हैं, जिनमें ई-केवाईसी या भू-सत्यापन करवाने की बात कही जाती है। इन लिंक्स पर क्लिक करने से आपके फोन में मैलवेयर इंस्टॉल हो सकता है या आपके बैंक खाते से पैसे निकाले जा सकते हैं। ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें और हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या केंद्रों के माध्यम से ही प्रक्रिया पूरी करें।
ठगी से बचने के लिए क्या करें?