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संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कई बड़े सुधार वाले बिल पेश होंगे। इनमें न्यूक्लियर सेक्टर को निजी कंपनियों के लिए खोलने से लेकर हाईवे भूमि अधिग्रहण को तेज करने तक अहम बदलाव शामिल हैं। ये बिल देश की ऊर्जा, शिक्षा, व्यापार और इंफ्रास्ट्रक्चर व्यवस्था में बड़ा सुधार ला सकते हैं।
आज संसद में आएंगे गेम-चेंजर बिल
New Delhi: संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है और राजनीतिक हलचल तेज है। पहले दिन विपक्ष ने SIR और वोट चोरी के आरोपों को लेकर दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। आज भी विपक्षी दलों ने संसद के गेट पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। उनकी मांग है कि SIR मुद्दे पर विस्तृत चर्चा कराई जाए। वहीं सरकार ने संकेत दिया है कि वह इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार है, बशर्ते विपक्ष समय सीमा न तय करे।
इसी बीच, सत्र के दूसरे दिन कई ऐसे अहम बिल पेश होने जा रहे हैं, जो देश के न्यूक्लियर सेक्टर, शिक्षा व्यवस्था, हाईवे निर्माण, कंपनी कानून और बाजार नियमन ढांचे में बड़े बदलाव ला सकते हैं। आइए समझते हैं कि ये बिल क्या हैं और इनसे क्या परिवर्तन होने की उम्मीद है।
लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, एटॉमिक एनर्जी बिल संसद में पेश किया जाएगा। यह बिल भारत की परमाणु ऊर्जा नीति और नियंत्रण से जुड़े प्रावधानों को नया ढांचा देने का काम करेगा।
अब तक न्यूक्लियर सेक्टर में सिर्फ सरकारी संस्थाओं- खासकर NPCIL-को ही परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने और संचालित करने का अधिकार था। लेकिन इस बिल के बाद पहली बार निजी कंपनियों को न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की अनुमति मिल सकती है।
इससे भारत में नई तकनीक, तेज निवेश और परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही, ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में यह कदम भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सरकार आज हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (HECI) बिल भी पेश करेगी। यह बिल भारतीय उच्च शिक्षा व्यवस्था में पिछले कई दशकों का सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इसके तहत-
UGC, AICTE, और NCTE जैसी संस्थाओं को समाप्त कर एक एकीकृत कमीशन बनाया जाएगा। लक्ष्य है- कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अधिक स्वतंत्रता देना, नए संस्थानों की मंजूरी प्रक्रिया को आसान बनाना, नियमों को पारदर्शी और एक समान करना। यह बदलाव भारत की शिक्षा प्रणाली को अधिक आधुनिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में अहम कदम है।
संसद शीतकालीन सत्र (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स अक्सर भूमि अधिग्रहण में देरी की वजह से अटक जाते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार नेशनल हाईवे (अमेंडमेंट) बिल ला रही है। इस बिल से- भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया तेज होगी, मुआवजा प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी, हाईवे प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे हो सकेंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति देने में यह संशोधन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सरकार कॉर्पोरेट लॉ (अमेंडमेंट) बिल, 2025 भी पेश करने की तैयारी में है। इस बिल से- कंपनी अधिनियम 2013 और LLP एक्ट 2008 दोनों में संशोधन किए जाएंगे। इसका उद्देश्य है- कंपनियों के लिए नियमों को सरल बनाना, अनुपालन (compliance) का बोझ कम करना, नए स्टार्टअप और MSMEs के लिए बिजनेस करना आसान बनाना। यह परिवर्तन भारत में व्यापारिक माहौल को और अनुकूल बना सकते हैं।
सिक्योरिटीज बाजार से जुड़े कई कानून अलग-अलग रूप में मौजूद हैं। जैसे-
SEBI Act
Depositories Act
Securities Contracts Act
सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल, 2025 इन सभी कानूनों को मिलाकर एक सरल कानून बनाने का प्रयास है। इससे-
बाजार नियमन की प्रक्रिया आसान होगी,
निवेशकों की सुरक्षा मजबूत होगी,
SEBI को एक अधिक मजबूत कानूनी ढांचा मिलेगा।
सरकार संविधान (131वां संशोधन) बिल लाने जा रही है। इसके तहत चंडीगढ़ को संविधान के Article 240 के तहत लाया जाएगा। इस आर्टिकल के तहत- केंद्र सरकार केंद्रशासित प्रदेशों के लिए ऐसे रेगुलेशन बना सकती है जो कानून का दर्जा रखते हैं। इससे चंडीगढ़ प्रशासन के लिए नीति निर्माण और शासन प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हो सकती है।
व्यापार जगत की एक बड़ी समस्या है- कंपनियों और व्यक्तियों के बीच विवादों का वर्षों तक कोर्ट में लटकना।
नया संशोधन-
मध्यस्थता निर्णयों को चुनौती देने की प्रक्रिया सरल करेगा,
मामलों का निपटारा तेज होगा,
कारोबारियों और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन कई ऐतिहासिक बदलावों की दिशा तय कर सकता है। न्यूक्लियर सेक्टर में निजी प्रवेश से लेकर शिक्षा सुधार, बाजार नियमन और हाईवे निर्माण तक- ये बिल भारत की नीति और विकास मॉडल में बड़े सुधारों का संकेत दे रहे हैं। यदि ये बिल पास होते हैं, तो आने वाले वर्षों में देश की ऊर्जा क्षमता, शिक्षा व्यवस्था, व्यापारिक माहौल और बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे।