हिंदी
संसद के शीतकालीन सत्र में चुनाव सुधारों को लेकर तीखी बहस छिड़ी है। विपक्ष ने SIR और वोट चोरी के मुद्दों पर सरकार को घेरा है। आज कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इन आरोपों पर सरकार का पक्ष रखते हुए लोकसभा में विस्तृत जवाब देंगे।
संसद में चुनाव सुधारों पर आज निर्णायक बहस (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
राहुल गांधी द्वारा लोकसभा में उठाए गए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल अब राजनीतिक हलकों में तेजी से गूंज रहे हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल के बयान का समर्थन करते हुए चुनाव आयोग की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि लाखों डुप्लिकेट वोटों का सवाल अब पूरे देश की चिंता बन चुका है। बघेल के अनुसार यह सिर्फ मतदाताओं के अधिकारों की चोरी नहीं बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सीधा हमला है।
समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने संसद में चुनाव सुधार को लेकर चर्चा पर कहा, SIR से जुड़ी गड़बड़ियों के लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है और कहा कि वास्तविक हस्तक्षेप जिला स्तर पर होता है। रामगोपाल ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी राजनीतिक प्रभाव में काम करते हैं और मतदाता सूची में मनमानी करते हैं। उन्होंने चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सुधारों का मुख्य आधार बताया।
संसद के शीतकालीन सत्र का आज आठवां दिन राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा में चुनाव सुधारों पर सरकार का विस्तृत पक्ष रखेंगे। विपक्ष कई सवालों और आरोपों के साथ सदन में सरकार को घेरने की तैयारी में है। ऐसे में मंत्री का जवाब चुनाव सुधार बहस की दिशा और माहौल दोनों तय कर सकता है।
New Delhi: संसद के शीतकालीन सत्र का बुधवार को आठवां दिन है और आज लोकसभा में चुनाव सुधारों को लेकर महत्वपूर्ण बहस होनी है। मंगलवार को लोकसभा में चुनाव सुधार विधेयक और संबंधित मुद्दों पर तीखी बहस और हंगामा देखने को मिला था। विपक्ष ने सरकार पर पारदर्शिता और स्वतंत्र संस्थानों पर दबाव डालने के आरोप लगाए, वहीं सत्ता पक्ष ने कहा कि चुनाव सुधार देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को और मजबूत बनाएंगे।
आज केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सदन में सरकार की ओर से चुनाव सुधारों पर विस्तृत जवाब देंगे। यह बहस इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि विपक्ष ने पिछले दो दिनों से लगातार SIR (Security and Integrity of Register) और वोट चोरी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा है। ऐसे में मंत्री का जवाब राजनीतिक रूप से भी अहम रहेगा।
लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने लगातार SIR से जुड़े प्रावधानों को लेकर चिंता जताई है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि SIR से चुनाव प्रक्रिया पर सरकार का अनुचित प्रभाव बढ़ सकता है और स्वतंत्र संस्थाओं का स्वायत्त ढांचा कमजोर हो सकता है। पल-पल के अपडेट के लिए पढ़ते रहें डाइनामाइट न्यूज़...