

पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से हैं, जो कला, विज्ञान, समाजसेवा आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिए जाते हैं। आईये जानतें हैं कि साल भर में अधिकतम कितने पद्म पुरस्कार दिए जाते हैं।
पद्म पुरस्कार (सोर्स-गूगल)
New Delhi: भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने कला, साहित्य, विज्ञान, समाजसेवा, चिकित्सा, व्यापार, खेल और शिक्षा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किया हो।
पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं-
1. पद्म विभूषण – असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए
2. पद्म भूषण – उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए
3. पद्म श्री – उल्लेखनीय सेवा के लिए
साल में अधिकतम कितने पुरस्कार दिए जा सकते हैं?
केंद्रीय गृह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट padmaawards.gov.in के अनुसार, प्रत्येक वर्ष पद्म पुरस्कारों की अधिकतम संख्या 120 निर्धारित की गई है। हालांकि, इस संख्या में मरणोपरांत पुरस्कार, अनिवासी भारतीय (एनआरआई), विदेशी नागरिक और भारतीय मूल के प्रवासी नागरिक (ओसीआई) शामिल नहीं हैं। यानी, अगर किसी वर्ष में इन श्रेणियों में 2 से अधिक पुरस्कार दिए जाते हैं, तो उन्हें 120 की संख्या में नहीं गिना जाता है। पुरस्कारों की गुणवत्ता और चयन की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए यह सीमा निर्धारित की गई है।
पात्रता में कोई भेदभाव नहीं
किसी भी व्यक्ति को पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकित किया जा सकता है, चाहे उसकी जाति, धर्म, लिंग, पेशा या राज्य कुछ भी हो। सरकार की नीति 'कोई भेदभाव नहीं, केवल विशिष्टता' के सिद्धांत पर आधारित है। हालांकि, सेवारत सरकारी कर्मचारी, डॉक्टर और वैज्ञानिक जब तक सक्रिय सेवा में होते हैं, तब तक वे आमतौर पर इन पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं होते, जब तक कि उन्होंने कोई असाधारण कार्य न किया हो।
चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता
पद्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया अब पूरी तरह पारदर्शी हो चुकी है। 2016 से शुरू किए गए ऑनलाइन पोर्टल ( padmaawards.gov.in ) के माध्यम से कोई भी व्यक्ति स्वयं या किसी और के लिए नामांकन कर सकता है। हर साल प्रधानमंत्री एक चयन समिति का गठन करते हैं, जिसमें कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, राष्ट्रपति सचिव और 4-6 प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं। यह समिति प्राप्त नामांकनों की समीक्षा कर सिफारिशें करती है, जिन्हें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित किया जाता है।
NRI और विदेशी नागरिकों को विशेष मान्यता
हालांकि NRI, विदेशी और OCI नागरिक पद्म पुरस्कारों के वार्षिक कोटे में शामिल नहीं होते, लेकिन उन्हें भारत से उनके जुड़ाव और योगदान के लिए अलग से पद्म सम्मान दिया जा सकता है। ऐसे पुरस्कार भारत की सॉफ्ट पावर को विश्व स्तर पर मजबूत करते हैं और प्रवासी भारतीयों के योगदान को मान्यता प्रदान करते हैं।
पुरस्कार केवल सम्मान नहीं
इन पुरस्कारों का उद्देश्य केवल लोगों को सम्मानित करना नहीं है, बल्कि उन्हें समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाना भी है। अक्सर ऐसे गुमनाम नायकों को चुना जाता है, जो बड़े मंचों से दूर रहकर समाज की सेवा में लगे रहते हैं।