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अल-कायदा गुजरात आतंकी साजिश मामले में NIA ने पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, हरियाणा और गुजरात में छापेमारी की। जांच में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के शामिल होने के सबूत मिले हैं। कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
अल-कायदा गुजरात आतंकी साजिश मामले में NIAने खोले राज़ (img Source: Google)
New Delhi: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अल-कायदा गुजरात आतंकी साजिश के मामले में गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई की। एजेंसी ने एक साथ पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, हरियाणा और गुजरात में 10 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान एजेंसियों को कई अहम सुराग, डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें अब फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
यह मामला साल 2023 में दर्ज किया गया था, जिसमें चार बांग्लादेशी नागरिकों मोहम्मद सोजिब मियां, मुन्ना खालिद अंसारी, अजरुल इस्लाम और अब्दुल लतीफ के नाम शामिल हैं। NIA के अनुसार, इन आरोपियों ने फर्जी भारतीय पहचान पत्र बनवाकर बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था। एजेंसी को शक है कि ये लोग गुजरात और पश्चिम बंगाल में सक्रिय थे और अल-कायदा की स्थानीय इकाई के साथ मिलकर नई भर्ती और फंड ट्रांसफर का काम कर रहे थे।
NIA की जांच में खुलासा
NIA के प्रवक्ता ने बताया कि जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि आरोपी प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-कायदा से सीधे जुड़े हुए थे। ये लोग बांग्लादेश में सक्रिय आतंकी नेटवर्क के लिए धन जुटाने, भर्ती कराने और मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ओर उकसाने में शामिल थे। एजेंसी ने 10 नवंबर 2023 को अहमदाबाद की विशेष अदालत में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी।
इससे पहले महाराष्ट्र आतंकरोधी दस्ते (ATS) ने भी अल-कायदा नेटवर्क से जुड़े एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर जुबैर हंगरगेकर को पुणे से गिरफ्तार किया था। उस पर अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) से संबंध और कट्टरपंथ फैलाने की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। ATS की जांच में उसके फोन से पाकिस्तान का एक संदिग्ध संपर्क नंबर भी मिला था। इसी कड़ी में ठाणे के एक शिक्षक से भी पूछताछ की जा रही है।
NIA सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान एजेंसी को कुछ डिजिटल सबूत, विदेशी फंडिंग से जुड़े ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड और कई संदिग्ध पासपोर्ट व पहचान पत्र मिले हैं। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि संदिग्धों ने भारत में अपने नेटवर्क को फैलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और एन्क्रिप्टेड चैट ऐप्स का इस्तेमाल किया था।
NIA ने बताया कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में अधिक गिरफ्तारियां संभव हैं। एजेंसी का कहना है कि यह साजिश केवल गुजरात या बांग्लादेश तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार देश के कई राज्यों में फैले हो सकते हैं।
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