

सिक्किम के पश्चिमी यांगथांग क्षेत्र में आधी रात को भयंकर भूस्खलन ने मचाई तबाही। चार लोगों की जान गई, तीन लापता हैं और एक महिला अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है। एसएसबी और पुलिस के जवानों ने पेड़ों से पुल बनाकर चलाया साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन।
सिक्किम में कुदरत का कहर
Gangtok: सिक्किम के पश्चिमी यांगथांग क्षेत्र के ऊपरी रिम्बी इलाके में बुधवार की मध्यरात्रि को एक भयावह भूस्खलन की घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। भारी बारिश के कारण हुए इस भूस्खलन में चार लोगों की जान चली गई है जबकि तीन अन्य अब भी लापता हैं। दो महिलाओं को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश उनमें से एक की मौत इलाज के दौरान हो गई। दूसरी महिला की हालत गंभीर बनी हुई है।
भूस्खलन की चपेट में आने से तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं, देर रात हुए इस हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और एसएसबी की टीमें मौके पर रवाना हुईं। गीजिंग के पुलिस अधीक्षक (SP) शेरपा के मुताबिक, घटनास्थल तक पहुंचने का मार्ग पूरी तरह बाधित था क्योंकि हुमे नदी में पहले से ही बाढ़ आई हुई थी।
रात के अंधेरे और तेज बारिश के बीच भी बचाव दल ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने स्थानीय पेड़ों को काटकर अस्थायी पुल बनाया और दो महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की। दोनों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान एक महिला ने दम तोड़ दिया।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय ग्रामीणों ने भी बहादुरी दिखाई। उन्होंने न केवल राहत कार्य में मदद की बल्कि पीड़ित परिवारों को मानसिक और भावनात्मक सहारा भी दिया। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में पहले भी भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, लेकिन इस बार नुकसान अधिक हुआ है।
एसपी गीजिंग शेरपा ने बताया कि फिलहाल तीन लोग अब भी लापता हैं, जिनकी खोजबीन लगातार जारी है। एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंचने वाली है ताकि तलाशी अभियान को तेज किया जा सके। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र को रेड जोन घोषित करते हुए लोगों को वहां से हटाने का काम शुरू कर दिया है।
सिक्किम जैसे पहाड़ी राज्यों में भूस्खलन आमतौर पर मानसून के मौसम में बड़ी चुनौती बनकर सामने आता है। लगातार बारिश से मिट्टी की पकड़ कमजोर हो जाती है और पहाड़ियों से पत्थर और कीचड़ अचानक नीचे गिरने लगते हैं, जिससे जानमाल का नुकसान होता है।
उत्तर भारत में प्रकृति का कहर: बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 600+ मौतें, हजारों करोड़ की क्षति
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा न करें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।