Kanwar Yatra 2025: बीमार दोस्तों के लिए दंडवत कांवड़ यात्रा पर निकला नेशनल खिलाड़ी, कहा- अब सिर्फ भोलेनाथ से उम्मीद

इस अद्भुत यात्रा की शुरुआत हरिद्वार से हुई है, जहां से दोनों युवक हर कदम पर जमीन को नमन करते हुए (दंडवत करते हुए) आगे बढ़ रहे हैं। अशोक दहिया ने बताया कि यह उनके जीवन की अब तक की सबसे भावनात्मक और कठिन यात्रा है।

Updated : 10 July 2025, 12:33 PM IST
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Haryana News: हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव के दो युवाओं अशोक दहिया और दीपक ने दोस्ती और श्रद्धा की मिसाल पेश करते हुए अपने दो गंभीर रूप से बीमार मित्रों के स्वास्थ्य लाभ के लिए हरिद्वार से 210 किलोमीटर लंबी दंडवत कांवड़ यात्रा शुरू की है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इस कठिन और साधनहीन यात्रा का उद्देश्य केवल इतना है कि भोलेनाथ की कृपा से उनके दोस्तों की किडनी की बीमारी ठीक हो जाए।

कांवड़ यात्रा नहीं, भावनाओं की अभिव्यक्ति है ये दंडवत यात्रा

इस अद्भुत यात्रा की शुरुआत हरिद्वार से हुई है, जहां से दोनों युवक हर कदम पर जमीन को नमन करते हुए (दंडवत करते हुए) आगे बढ़ रहे हैं। अशोक दहिया ने बताया कि यह उनके जीवन की अब तक की सबसे भावनात्मक और कठिन यात्रा है। वे और उनके साथी दीपक अपने दोस्तों की बीमारी से बेहद आहत हैं। दोनों दोस्तों की किडनी खराब हो चुकी है और उनमें से एक को नियमित डायलिसिस की जरूरत पड़ रही है।

कबड्डी और बॉडीबिल्डिंग के नेशनल खिलाड़ी हैं अशोक दहिया

अशोक दहिया कोई आम युवक नहीं हैं। वे कबड्डी और बॉडीबिल्डिंग के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं। वे अब तक गौमुख समेत 28 बार कांवड़ यात्रा कर चुके हैं, लेकिन इस बार की यात्रा उनके लिए सबसे खास और सबसे कठिन है। अशोक का कहना है, “हमारे दोस्त जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। हमने सोचा कि भोलेनाथ से विनती करने का इससे अच्छा तरीका और कोई नहीं हो सकता।”

बागपत के दाहा गांव में हुआ आत्मीय स्वागत

इस दंडवत यात्रा के दौरान जब अशोक और दीपक बागपत के दाहा गांव पहुंचे तो वहां के ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया। लोगों ने फूलों से उन्हें नहलाया। उन्हें जल, फल अर्पित किए और यात्रा के लिए आशीर्वाद दिया। ग्रामीणों ने इसे ‘भक्ति और दोस्ती की अनूठी मिसाल’ बताया और कहा कि ऐसे दृढ़ संकल्प और भावना से की गई प्रार्थना अवश्य फल देती है।

ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ चल रहा है सहयोगी दल

इस कठिन यात्रा में अशोक और दीपक अकेले नहीं हैं। उनके साथ सहयोग विकास, अमन, दीपक शर्मा, विशाल, बंटी और हर्ष कर रहे हैं। ये सभी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली के माध्यम से उन्हें ज़रूरी सामान, दवाइयां, जल और विश्राम के लिए स्थान उपलब्ध करा रहे हैं। दिन-रात की तपस्या में ये टीम न सिर्फ मदद कर रही है, बल्कि मानसिक संबल भी दे रही है।

अब सिर्फ भोलेनाथ से उम्मीद

दोनों युवकों को पूरी आस्था है कि भोलेनाथ उनके दोस्तों को एक नया जीवन देंगे। अशोक और दीपक की यह दंडवत यात्रा सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। जहां लोग उनकी श्रद्धा, मित्रता और समर्पण को सराह रहे हैं।

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