

हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश इतने लोगों की जान ले चुकी है और 300 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। जानिए घटना की पूरी जानकारी
हिमाचल में मानसून से आई तबाही ( सोर्स - इंटरनेट )
Shimla: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने दस्तक देते ही तबाही मचानी शुरू कर दी है। पहाड़ों में भारी बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रदेशभर में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। सबसे ज्यादा तबाही कुल्लू जिले में देखने को मिली है, जहां कई स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक कुल्लू में बादल फटने के कारण सड़कों और पुलों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से टूट गया है। वहीं, शिमला और मंडी जिलों में भी भूस्खलन के कारण यातायात बाधित हो रहा है। लगातार बारिश के चलते नदी-नालों में उफान है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अभी तक करीब 50 से ज्यादा सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जबकि कई पुल बह गए हैं। कृषि और बागवानी क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों और बागवानों को बड़ा आर्थिक झटका लगा है।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और ज्यादा सतर्क रहने की चेतावनी दी है। विभाग के अनुसार, 28 जून को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, 29 जून से 1 जुलाई तक भी ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सिरमौर और सोलन जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। इसी अवधि में चंबा, कुल्लू, शिमला और मंडी में भी भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है।
राज्य सरकार ने सभी जिलों में प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। पर्यटकों को भी खराब मौसम में यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की जा सकती है, और राहत-बचाव कार्य के लिए NDRF और SDRF की टीमें तैनात की जा रही हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों के लिए सहायता राशि और पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।