राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे का तीखा बयान, नेहरू, गांधी और सुभाष चंद्र बोस पर उठाए सवाल, जानें क्या-क्या कहा

राज्यसभा में वंदे मातरम पर मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा नेताओं की आलोचना की और कांग्रेस के योगदान को प्रमुखता से रखा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह पर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े महापुरुषों का अपमान करने का आरोप लगाया।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 9 December 2025, 3:20 PM IST
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New Delhi: राज्यसभा में वंदे मातरम पर चर्चा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा सरकार और गृहमंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला। खरगे ने वंदे मातरम के गायन को लेकर भाजपा नेताओं के दोगले रवैये को उजागर किया और कहा कि वंदे मातरम का गाना हमेशा से उनकी पार्टी की परंपरा का हिस्सा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा किए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनकी पार्टी हमेशा से देशभक्ति के गीतों और आंदोलनों के साथ रही है।

खरगे का वंदे मातरम पर बयान

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वे पिछले 60 सालों से वंदे मातरम गा रहे हैं, और जब से वे विधायक और सांसद रहे हैं, तब से यह गाना गाते आ रहे हैं। उन्होंने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग पहले वंदे मातरम नहीं गाते थे, वही अब इसे गाने लगे हैं। खरगे ने बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को नमन करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा इस गाने का सम्मान किया और उनके योगदान को माना है। उन्होंने यह भी कहा कि गृहमंत्री अमित शाह अक्सर कांग्रेस को अपमानित करने की कोशिश करते हैं और उनकी बातें कट-पेस्ट करके होती हैं।

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नेहरू, गांधी और सुभाष चंद्र बोस पर उठाए सवाल

खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की आलोचना करते हुए कहा कि वे नेहरू जी का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा नेता तथ्यों के बिना नेहरू जी को निशाना बना रहे हैं। खरगे ने 16 अक्टूबर 1937 की घटना का उल्लेख किया, जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने रवींद्रनाथ टैगोर से पूछा था कि कांग्रेस को वंदे मातरम के प्रति क्या रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि 25 अक्टूबर 1937 को नेहरू जी ने गुरुदेव से मुलाकात की थी और यह निर्णय कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं का था। खरगे ने पूछा कि क्यों नेहरू जी को टारगेट किया जा रहा है जबकि वह सभी महापुरुषों के साथ खड़े थे।

गांधी जी के असहयोग आंदोलन का जिक्र

खरगे ने कहा कि महात्मा गांधी ने 1921 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी, और उस समय भारत माता की जय का नारा लगाया गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा और उनके नेता आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं थे, वे अंग्रेजों की नौकरी कर रहे थे, जबकि कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे देशभक्ति के गीतों का विरोध करते हैं और हमेशा स्वतंत्रता संग्राम के खिलाफ रहते हैं।

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मोदी सरकार पर गंभीर आरोप

खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि वे देश के समक्ष गंभीर मुद्दों पर बात करने के बजाय केवल कांग्रेस को निशाना बनाने में लगे रहते हैं। उन्होंने नोट किया कि मोदी सरकार ने देश के आर्थिक हालात को गंभीर स्थिति में पहुंचा दिया है, जहां डॉलर की कीमत गिर चुकी है और चीन के प्रभाव में वृद्धि हो रही है। खरगे ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद 2020 में चीन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की बात स्वीकार की थी। इसके अलावा, उन्होंने देश में बढ़ती आतंकवादी घटनाओं का जिक्र किया, जिसमें अब तक 3000 से ज्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं।

सदन में हंगामा

खरगे ने सदन में हंगामा करते हुए कहा कि जो लोग देश में नफरत फैलाने का काम कर रहे थे, वही अब कांग्रेस और देशभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं। उन्होंने भाजपा नेताओं से सवाल किया कि क्या वे सरदार पटेल के द्वारा नफरत फैलाने वालों पर लगाए गए बैन को भूल गए हैं। इसके बाद खरगे ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए, जिससे सदन में एक हलचल मच गई।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 9 December 2025, 3:20 PM IST