

मंत्रिमंडल विस्तार के तहत 26 नए मंत्रियों ने शपथ ली है। इस विस्तार में हर्ष संघवी को डिप्टी सीएम बनाया गया है, वहीं भारतीय क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा और कांग्रेस के पूर्व नेता अर्जुन मोढवाडिया को भी मंत्री बनाया गया है।
नई कैबिनेट में 26 मंत्रियों लिया शपथ
Gandhinagar: गुजरात की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया, जिसमें कुल 26 मंत्रियों ने शपथ ली। इस बार का विस्तार कई मायनों में खास रहा, जहां युवाओं और महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया गया, वहीं राजनीतिक दल बदल कर आए नेताओं को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
सबसे ज्यादा चर्चा में रहे हर्ष संघवी, जिन्हें इस बार डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई है। युवा और ऊर्जावान नेता के रूप में पहचान बना चुके संघवी को यह पद आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिया गया है।
बीजेपी का यह कदम महज कैबिनेट विस्तार नहीं, बल्कि मिशन 2027 के लिए तैयार की गई एक ठोस रणनीति का हिस्सा है। पार्टी ने इस बार जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए नए चेहरों को शामिल किया है। खासतौर पर पाटीदार और ओबीसी समुदाय से जुड़े नेताओं को मंत्रिमंडल में प्रमुखता दी गई है।
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आम आदमी पार्टी के उभरते प्रभाव को देखते हुए बीजेपी ने युवा नेतृत्व को भी तवज्जो दी है। पाटीदार समुदाय में पैठ रखने वाले नेताओं को आगे बढ़ाया गया है ताकि आम आदमी पार्टी की चुनौती को समय रहते काउंटर किया जा सके।
इस विस्तार में 9 पुराने मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, जबकि 6 पुराने चेहरों को फिर से शामिल किया गया है। इनमें ऋषिकेश पटेल, कनुभाई देसाई, कुंवरजी बावलिया, प्रफुल पानसेरिया, परसोत्तंभाई सोलंकी और हर्ष संघवी जैसे नाम शामिल हैं।
वहीं नए चेहरों में खास बात रही रिवाबा जडेजा की एंट्री। भारतीय क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी और जामनगर से विधायक रिवाबा को मंत्री बनाए जाने से यह साफ है कि पार्टी महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश में है।
कांग्रेस की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया अब भाजपा में शामिल होकर मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। उनका मंत्रिमंडल में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। यह भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत पार्टी विपक्षी नेताओं को अपने पाले में लाकर खुद को मजबूत कर रही है।
इस बार मंत्रिमंडल में कोली, ओबीसी, पाटीदार और दलित समाज से भी मंत्रियों को शामिल किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, नरेश पटेल और कौशिक वेकारिया पाटीदार समुदाय से हैं, जबकि अमृतिया, सोलंकी, मेदवाडिया, दर्शना वाघेला जैसे चेहरे कोली/ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं।
क्षेत्रीय संतुलन पर नजर डालें तो सौराष्ट्र से 4, मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात से 1-1 और अहमदाबाद से भी नए मंत्री शामिल किए गए हैं। इससे यह साफ है कि बीजेपी हर जिले और समुदाय को मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश कर रही है।
भाजपा नेता और कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल वजुभाई वाला ने कहा, "यह एक पारदर्शी प्रक्रिया है। पार्टी का हर कार्यकर्ता इससे अवगत है और वह पूरी ईमानदारी से सेवा करता रहेगा।" वहीं विधायक पंकज देसाई ने कहा, "यह विस्तार मिशन 2027 को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिसमें सभी समुदायों को साथ लेने का प्रयास है।"
गुजरात विधानसभा में फिलहाल बीजेपी के पास 156 सीटें हैं, कांग्रेस के पास 17 और आम आदमी पार्टी के पास 5 सीटें हैं। ऐसे में भाजपा की यह रणनीति उसे और मजबूत करने की ओर इशारा करती है।