इस पाकिस्तानी महिला को दोबारा भारत आने की मिली इजाजत, रक्षंदा की हालत पर कोर्ट ने जताई चिंता, पढ़ें पूरी खबर

जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने पाकिस्तान भेजी गई 63 वर्षीय रक्षंदा राशिद को भारत लौटने की अनुमति दे दी है। रक्षंदा पिछले 30 वर्षों से भारत में रह रही थीं, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाक नागरिकों के वीजा रद्द होने पर उन्हें वापस भेज दिया गया था। कोर्ट ने उनकी खराब सेहत और मानवीय आधार पर यह फैसला सुनाया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 2 August 2025, 10:26 AM IST
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New Delhi: अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कारणों से भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए थे। इस फैसले की चपेट में 63 वर्षीय रक्षंदा राशिद भी आ गईं, जो जम्मू के तालाब खटिकान इलाके में अपने परिवार के साथ रह रही थीं। 30 साल से भारत में रह रही रक्षंदा को 29 अप्रैल को अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान वापस भेज दिया गया।

कौन हैं रक्षंदा राशिद?

रक्षंदा राशिद पाकिस्तान की नागरिक हैं, जो 10 फरवरी 1990 को 14 दिन के विज़िटर वीजा पर भारत आई थीं। उन्होंने बाद में जम्मू में भारतीय नागरिक शेख जहूर अहमद से विवाह किया और भारत में ही रहने लगीं। उन्हें हर साल दीर्घकालिक वीजा दिया जाता रहा। उनके पति एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और अब भी जम्मू में रहते हैं।

रक्षंदा को भारत छोड़ने का मिला था नोटिस

अप्रैल 2025 में आतंकी हमले के बाद जब भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों पर कार्रवाई की, तब रक्षंदा को भी भारत छोड़ने का नोटिस मिला। उनके दीर्घकालिक वीजा को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया। इसके बाद उन्हें 29 अप्रैल को पाकिस्तान वापस भेज दिया गया, जबकि उनका पूरा परिवार भारत में ही है।

परिवार की ओर से अदालत में याचिका

रक्षंदा के पाकिस्तान भेजे जाने के बाद, उनके परिवार ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में बताया गया कि रक्षंदा की सेहत ठीक नहीं है, और वह लाहौर के एक होटल में अकेली रह रही हैं। उनका पाकिस्तान में कोई नहीं है, ऐसे में उन्हें भारत में अपने परिवार के साथ रहने की अनुमति दी जाए।

अदालत का केंद्र सरकार को आदेश

कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि 10 दिनों के भीतर रक्षंदा राशिद को भारत लौटाने की व्यवस्था की जाए। यह निर्देश मुख्य न्यायाधीश अरुण पल्ली और न्यायमूर्ति राजनेश ओसवाल की खंडपीठ ने दिया।

केंद्र सरकार का जवाब और वीज़ा की अनुमति

भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को सूचित किया कि सरकार ने रक्षंदा को दोबारा विजिटर वीजा देने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत उन्हें भारत में आने की इजाजत दी जाएगी और वे नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा सकेंगी।

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Published : 
  • 2 August 2025, 10:26 AM IST