

भारत अगले महीने से ऐतिहासिक सर्दियों का अनुभव करेगा, क्योंकि 2025-26 के लिए मौसम पूर्वानुमान में ला नीना की पुष्टि हुई है। इस साल सर्दी बहुत अधिक ठंडी और कठोर होगी, खासकर उत्तर भारत और हिमालयी क्षेत्रों में। भारी बर्फबारी, भीषण शीत लहरें और लंबे समय तक ठंड पड़ने की संभावना है।
भारत मे अगले महीने होगी ठंड की शुरूआत
New Delhi: भारत में इस साल की सर्दी अभूतपूर्व ठंड की होने वाली है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और अन्य वैश्विक मौसम विशेषज्ञों ने 2025-26 सर्दियों के लिए एक गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसमें ला नीना (La Nina) के प्रभाव से तापमान में गिरावट और कड़ी ठंड का अनुमान है। खासकर उत्तर भारत और हिमालयी क्षेत्रों में इस ठंड का अधिक असर देखा जाएगा।
ला नीना प्रशांत महासागर की एक प्राकृतिक घटना है, जब समुद्र का तापमान सामान्य से कम हो जाता है। इसके कारण दुनिया भर में मौसम के पैटर्न में बदलाव आते हैं। जब ला नीना सक्रिय होता है, तो यह भारत में विशेष रूप से सर्दियों को अधिक ठंडा बना देता है। पिछले कुछ सालों से ला नीना के प्रभाव ने भारत में सर्दियों को अधिक कठोर बना दिया है।
2025-26 की सर्दियों के बारे में पूर्वानुमान बताते हैं कि अक्टूबर से दिसंबर तक भारत में बेहद ठंडी और लंबी सर्दी का अनुभव होने की संभावना है। खासकर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्य कड़ी सर्दियों का सामना करेंगे। इन राज्यों में भारी बर्फबारी और भीषण शीत लहरें चलने की संभावना है, जिससे सड़कें और यातायात प्रभावित हो सकते हैं।
हिमालय क्षेत्र, जैसे कश्मीर, लद्दाख और सिक्किम, में इस बार भारी बर्फबारी की आशंका है। यह बर्फबारी न केवल तापमान को गिराएगी, बल्कि इससे इन क्षेत्रों में यातायात भी प्रभावित हो सकता है। सड़कों के बंद होने, हवाई सेवाओं में देरी और यहां तक कि बर्फ के भारी लदान से कई इलाके बुरी तरह से जाम हो सकते हैं।
उत्तर भारत में भी सर्दियों का असर तेज होगा। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है। IMD ने इन क्षेत्रों के लिए ठंड से बचाव के उपायों की सलाह दी है, जैसे कि गर्म कपड़े पहनने, खासकर बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखने की आवश्यकता है।
IMD और अन्य मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 2025-26 की सर्दी भारत में एक चुनौती हो सकती है। ला नीना के प्रभाव के कारण तापमान में गिरावट, भारी बर्फबारी और ठंडी हवाओं का असर इन सर्दियों को विशेष रूप से कठिन बना सकता है।