

भारत और नेपाल के बीच दशकों पुराना सीमा विवाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री प्रदीप पौडेल के ताजा बयान ने इस मसले को फिर से गरमा दिया है। पौडेल ने कालापानी और लिपुलेख को नेपाल का अभिन्न हिस्सा बताते हुए भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री प्रदीप पौडेल
New Delhi: भारत और नेपाल के बीच दशकों पुराना सीमा विवाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री प्रदीप पौडेल के ताजा बयान ने इस मसले को फिर से गरमा दिया है। पौडेल ने कालापानी और लिपुलेख को नेपाल का अभिन्न हिस्सा बताते हुए भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
शुक्रवार को दीपायल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंत्री प्रदीप पौडेल ने कहा, "यह भूमि नेपाल की है, लेकिन प्रभावी कूटनीति के अभाव में हम इसे वापस नहीं ले पा रहे हैं।" उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह अपने स्वार्थों के लिए नेपाल की जमीन पर कब्जा कर रहा है। उनका बयान नेपाल की संसद और जनता में भी हलचल मचा सकता है।
मंत्री पौडेल ने स्पष्ट किया कि नेपाल को इस विवाद का समाधान युद्ध नहीं, बल्कि कूटनीति के माध्यम से निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि, “हमें अपनी जमीन खुद वापस लेनी है, और यह तभी संभव होगा जब हमारे पास ठोस रणनीति हो और हम अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से उठाएं।”
पौडेल का कहना है कि नेपाल के पास पर्याप्त ऐतिहासिक और भौगोलिक प्रमाण हैं, जो यह सिद्ध करते हैं कि कालापानी और लिपुलेख नेपाल का हिस्सा हैं। उन्होंने नेपाल सरकार से अपील की कि वह इस दिशा में अधिक सक्रिय भूमिका निभाए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने इस मुद्दे को प्रमुखता से रखे।
कालापानी-लिपुलेख क्षेत्र को लेकर भारत और नेपाल के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। समय-समय पर नेपाली नेताओं द्वारा दिए गए बयानों से यह मसला फिर से उभरता है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव की स्थिति बन जाती है। यह ताजा बयान भी भविष्य में राजनयिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
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