

15 अगस्त के अवसर पर, भारत ने अपनी आर्थिक विकास यात्रा का जश्न मनाया – नेहरू के सामाजिक-औद्योगिक आधार से लेकर 1991 के उदारीकरण और वर्तमान ‘न्यू इंडिया’ की ओर। आज India $4.19 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनकर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जिसने जापान को पीछे छोड़ दिया है।
भारत की अर्थव्यवस्था
New Delhi: स्वतंत्रता दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, एक नजर देश की अर्थव्यवस्था पर डालना बेहद प्रासंगिक है। आजादी के बाद से लेकर अब तक, भारत ने आर्थिक विकास की विविध और प्रेरक यात्रा तय की है, नेहरू युग से हरित क्रांति, 1991 के आर्थिक सुधार और आधुनिक “न्यू इंडिया” की ओर विकास — प्रत्येक दौर में एक नया आदर्श स्थापित हुआ।
1947–1950: आज़ादी और मिश्रित अर्थव्यवस्था का प्रारम्भ
दरअसल, देश विभाजन और गरीबी जैसी चुनौतियों से जूझ रहा था। जवाहरलाल नेहरू ने सोवियत-प्रेरित मिश्रित अर्थव्यवस्था अपनाई और पंचवर्षीय योजनाएं लागू कीं। पहले पंचवर्षीय योजना (1951‑56) में कृषि, सिंचाई और बिजली पर ध्यान केन्द्रित हुआ, जिससे जीडीपी की वृद्धि दर अनुमानित 2.1 प्रतिशत से ऊपर, 3.2 प्रतिशत तक पहुंची।
1960s–1970s: हरित क्रांति – खाद्य आत्मनिर्भरता की ओर
1960 के दशक में कृषि संकट का सामना करते हुए, एम.एस. स्वामीनाथन की अगुवाई में हरित क्रांति का प्रारंभ हुआ। उच्च उत्पादकता वाले बीजों, उर्वरकों और सिंचाई सुधारों ने भारत को खाद्य आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया और कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि आना शुरू हुआ।
1980s: तकनीक और टेली-कॉम में बदलाव
राजीव गांधी के नेतृत्व में भारत ने धीरे-धीरे तकनीक-आधारित विकास की राह ली। टेलीकॉम में सुधार, दूरसंचार और शुरुआती उदारीकरण से ग्रामीण क्षेत्रों तक संवाद संचार विस्तार हुआ और बाजार को जीवनदान मिला।
1991: आर्थिक उदारीकरण का निर्णायक मोड़
1991 के आर्थिक संकट ने देश को निर्णायक सुधारों की ओर प्रेरित किया। पीएम पी.वी. नरसिम्हा राव और वित्तमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने “नई आर्थिक नीति” लागू की, जिसमें लाइसेंस राज का अंत, विदेशी पूंजी के लिए खुलापन और बाजार आधारित सुधार शामिल थे। इससे आर्थिक विकास की नई लहर चली।
2014–2025: ‘न्यू इंडिया’ और वैश्विक एकीकरण
2014 के बाद भारत की अर्थव्यवस्था ने तेजी से आगे बढ़ना शुरू किया। डिजिटल अर्थव्यवस्था, विनिर्माण में सुधार और सेवाक्षेत्र में निवेश ने देश को वैश्विक हब बनाया। आज “NITI Aayog” के अनुसार, IMF डेटा के आधार पर भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, GDP लगभग $4.19 ट्रिलियन तक पहुंच चुकी है।
जीएसटी में अगली पीढ़ी का सुधार
गौरतलब है कि देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक बड़ा और राहत देने वाला ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष देशवासियों को “डबल दिवाली गिफ्ट” मिलेगा, जिसमें जीएसटी रिफॉर्म और महंगाई से राहत प्रमुख होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार अब “नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म” की ओर बढ़ रही है। इसके तहत आम आदमी की जरूरत की चीजों पर टैक्स में भारी कटौती की जाएगी। उन्होंने कहा, "हमने एक हाई पावर रिव्यू कमेटी बनाई है, जिसमें राज्यों से विचार-विमर्श किया गया है। इसका उद्देश्य कर व्यवस्था को और अधिक सरल बनाना और आम जनता के बोझ को कम करना है।"