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गुवाहाटी हाईकोर्ट ने फैक्ट्री के संचालक को बड़ी राहत देते हुए जीएसटी रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आदेश को रद्द कर दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
जीएसटी रजिस्ट्रेशन रद्द (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में लकड़ी आधारित फैक्ट्री के संचालक को बड़ी राहत देते हुए गुवाहाटी हाईकोर्ट ने उसका जीएसटी रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने पाया कि रजिस्ट्रेशन रद्द करने से पहले उचित प्रक्रिया और नोटिस का पालन नहीं किया गया। जस्टिस रॉबिन फुकन की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता देवेंद्र सिंह राठौर की याचिका को स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया।
न कोई नोटिस, न सूचना
श्री थिंगहाप ताइजू की लकड़ी आधारित फैक्ट्री चलाने वाले देवेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि कच्चा माल न मिलने के कारण वर्ष 2023 से 2024 तक करीब एक साल तक फैक्ट्री बंद रही। इस दौरान याचिकाकर्ता को न तो जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए कोई नोटिस मिला और न ही किसी तरह की सूचना दी गई।
बिना सुनवाई के पंजीकरण रद्द कर दिया गया
हालांकि, बाद में जीएसटी विभाग द्वारा 04.12.2023 को पंजीकरण रद्द कर दिया गया, जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता को 11.10.2023 को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। लेकिन याचिकाकर्ता ने स्पष्ट किया कि उन्हें यह नोटिस कभी भी पंजीकृत डाक, ईमेल या जीएसटी पोर्टल के माध्यम से प्राप्त नहीं हुआ। इसके कारण उन्हें न तो जवाब देने का अवसर मिला और न ही कोई कार्रवाई करने का।
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि उन्होंने बाद में बकाया राशि और जुर्माना ₹ 2,74,225 (दो लाख चौहत्तर हजार दो सौ पच्चीस रुपये) जमा कर दिया, जो 19 मार्च 2025 और 24 मार्च 2025 को प्राप्त हुआ। इसके बाद उन्होंने पंजीकरण की बहाली के लिए विभाग को एक आवेदन भी दिया, लेकिन विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं आया।
इससे परेशान होकर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपने जीएसटी पंजीकरण नंबर की बहाली की मांग की।
प्रशासन को निर्देश
अदालत ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों का संज्ञान लेते हुए पाया कि प्रक्रियागत न्याय का पालन नहीं किया गया और याचिकाकर्ता को निष्पक्ष सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। इस आधार पर अदालत ने पंजीकरण रद्द करने के 04.12.2023 के आदेश को रद्द कर दिया और प्रशासन को निर्देश दिया कि वह जांच करे कि याचिकाकर्ता पर कोई और बकाया तो नहीं है। अगर कोई राशि बकाया नहीं है तो उसका जीएसटी पंजीकरण तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए।