

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई है। मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा है। भाजपा नेताओं की शिकायत पर तेजस्वी पर कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
तेजस्वी यादव (Img: Google)
New Delhi: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव विवादों में घिर गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सोशल मीडिया के माध्यम से की गई टिप्पणी को लेकर देश के तीन अलग-अलग राज्यों, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
दरअसल, यह पूरा मामला तेजस्वी यादव की सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को “जुमला” और “वोट चोर” कहकर संबोधित किया था। इस टिप्पणी को भाजपा नेताओं ने अपमानजनक और राष्ट्र विरोधी करार दिया, जिसके चलते कानूनी कार्रवाई शुरू की गई।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में भाजपा विधायक मिलिंद नरोटे की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। तेजस्वी पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री को “जुमला” कहकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की। इस शिकायत के आधार पर IPC की धाराएं 196 (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 356 (मानहानि), 352 (जानबूझकर अपमान) और 353 (सार्वजनिक रूप से शरारत फैलाने वाला बयान) लगाई गई हैं।
शाहजहांपुर में भाजपा नगर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। इस बार मामला उस पोस्ट से जुड़ा है, जिसमें तेजस्वी ने प्रधानमंत्री मोदी को "वोट चोर" कहा था। यहां पर IPC की धारा 353(2) और 197(1)(A) के तहत मामला दर्ज किया गया है। एसपी राजेश द्विवेदी ने जानकारी देते हुए कहा कि "इस टिप्पणी से जनता में आक्रोश है और यह सामाजिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंचा सकती है।"
दिल्ली के गोविंदपुरी थाने में भी तेजस्वी यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यहां की शिकायत भाजपा कार्यकर्ताओं ने दी, जिसमें प्रधानमंत्री पर की गई टिप्पणी को “नफरत फैलाने वाला” करार दिया गया।
तेजस्वी यादव ने इन सभी मामलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "एफआईआर से कौन डरता है? अब क्या जुमला बोलना भी अपराध है? हमें सच बोलने से कोई रोक नहीं सकता। विपक्ष का काम है सवाल पूछना और हम यह काम करते रहेंगे।" उन्होंने कहा कि भाजपा आलोचना से डरती है और सत्ता के दुरुपयोग के जरिए विपक्ष को दबाना चाहती है।
बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, "राजनीति में ऐसी बातें होती रहती हैं। समर्थकों की भावनाएं कई बार एफआईआर में तब्दील हो जाती हैं। ऐसा नहीं कि प्रधानमंत्री खुद एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं।" वहीं भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ऐसे हमलों से और मजबूत होते हैं। तेजस्वी जैसी भाषा लोकतंत्र का अपमान है।"
वहीं राजद सांसद मनोज झा ने कहा, "जुमला कहना क्या गलत है? जब अमित शाह खुद कह चुके हैं कि 15 लाख वाला वादा जुमला था, तो फिर केस क्यों नहीं?"