आखिरकार मिली जगदीप धनखड़ की खबर: पेंशन के लिए किया आवेदन, जानिये क्या मिलेंगी सुविधाएं?

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा देने के बाद राजस्थान विधानसभा में पेंशन के लिए आवेदन किया है। साथ ही, वे पूर्व विधायकों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं के भी पात्र होंगे। जानिए धनखड़ की वर्तमान दिनचर्या और उन्हें किन सरकारी लाभों का अधिकार मिलेगा।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 30 August 2025, 12:23 PM IST
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New delhi: भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में राजस्थान विधानसभा में विधायक पेंशन के लिए आवेदन किया है। वर्ष 1993 से 1998 तक वे राजस्थान की किशनगढ़ सीट से विधायक रहे थे। विधानसभा सचिवालय ने उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद उन्हें नियमानुसार न्यूनतम 42,000 रुपये प्रति माह की पेंशन और पूर्व विधायकों को मिलने वाली अन्य सरकारी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

स्वास्थ्य का हवाला देकर दिया इस्तीफा

बता दें कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनका यह निर्णय राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। इस्तीफे के बाद से वे सार्वजनिक जीवन से दूर हैं और किसी भी राजनीतिक या सामाजिक मंच पर नजर नहीं आए हैं।

आजकल कहां हैं धनखड़?

सूत्रों के अनुसार, इस्तीफा देने के बाद वे अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं और स्वास्थ्य लाभ हेतु नियमित योगाभ्यास और टेबल टेनिस का अभ्यास कर रहे हैं। धनखड़ जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, तब उन्होंने टेबल टेनिस को शौकिया तौर पर खेलना शुरू किया था। आज भी वे उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में अपने स्टाफ के साथ खेलना जारी रखते हैं।

पूर्व उपराष्ट्रपति की दिनचर्या से परिचित एक अधिकारी ने बताया, “धनखड़ दिन की शुरुआत योग से करते हैं और शाम को टेबल टेनिस खेलते हैं। यहां तक कि अगर वे यात्रा से लौटकर आते हैं, तब भी टेबल टेनिस का सत्र नहीं छोड़ते।”

कैसा रहा पूर्व राष्ट्रपति का राजनीतिक सफर?

धनखड़ का राजनीतिक सफर भी उल्लेखनीय रहा है। वे 1989 से 1991 तक राजस्थान की झुंझनू सीट से लोकसभा सांसद रहे और चंद्रशेखर सरकार में केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री भी रहे। इसके बाद उन्होंने 2019 से 2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। राज्यपाल रहते हुए उनका कार्यकाल कई बार विवादों में रहा, विशेषकर ममता बनर्जी सरकार के साथ उनके मतभेदों को लेकर।

उपराष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल अगस्त 2022 से जुलाई 2025 तक चला। नियमों के अनुसार, अगर कोई उपराष्ट्रपति दो वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूरा करने के बाद पद छोड़ता है, तो वह पेंशन और अन्य सुविधाओं के लिए पात्र होता है। 2018 के बजट में उपराष्ट्रपति का वार्षिक वेतन 48 लाख रुपये निर्धारित किया गया था। इसी के आधार पर धनखड़ को मासिक पेंशन का लाभ मिलेगा।

साथ ही, उन्हें भारत सरकार की ओर से पूर्व उपराष्ट्रपति के तौर पर कार, स्टाफ, आवास और चिकित्सा सुविधाएं भी मिलेंगी, जब तक वे चाहें।

उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां तेज

धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। 9 सितंबर 2025 को चुनाव की तारीख तय की गई है। सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपने-अपने संभावित उम्मीदवारों पर मंथन कर रहे हैं।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 30 August 2025, 12:23 PM IST