अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ीं: ईडी ने रिलायंस कम्युनिकेशन के खिलाफ दर्ज किया नया केस, 2929 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप

रिलायंस कम्युनिकेशन पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 2929 करोड़ के लोन घोटाले में ईडी ने नया केस दर्ज किया है। अनिल अंबानी से पूछताछ हो चुकी है और कई कंपनियों में वित्तीय अनियमितताओं की बात सामने आई है। प्रवक्ता का कहना है कि यह मामला पुराना है और अंबानी को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 11 September 2025, 3:33 AM IST
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New Delhi: रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की कानूनी परेशानियां लगातार गहराती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (आरकॉम) के खिलाफ एक नया केस दर्ज किया है। यह कार्रवाई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से जुड़े 2929 करोड़ रुपये के कथित ऋण घोटाले के संबंध में की गई है।

ईडी ने यह केस सीबीआई (CBI) द्वारा 21 अगस्त को दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर दर्ज किया है। ईडी द्वारा दर्ज की गई यह ईसीआईआर (ECIR) रिपोर्ट पुलिस की एफआईआर के समकक्ष मानी जाती है।

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सीबीआई की बड़ी कार्रवाई

सीबीआई ने 23 अगस्त को मुंबई में आरकॉम के कार्यालयों और अनिल अंबानी के आवास पर तलाशी अभियान चलाया था। एफआईआर में अनिल अंबानी, रिलायंस कम्युनिकेशन, अज्ञात सरकारी कर्मचारी और अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। एसबीआई की शिकायत में आरोप लगाया गया कि कंपनी ने बैंकों से लिए गए लोन का गलत तरीके से इस्तेमाल किया, जिससे बैंक को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।

40000 करोड़ का कुल बकाया, SBI को 2929 करोड़ का घाटा

एसबीआई के अनुसार वर्ष 2018 तक आरकॉम पर विभिन्न बैंकों का कुल बकाया 40,000 करोड़ रुपये से अधिक था, जिसमें अकेले एसबीआई का हिस्सा 2929.05 करोड़ रुपये का था। बैंक का आरोप है कि यह ऋण किसी अन्य उद्देश्य के लिए लिया गया था लेकिन इसे गलत तरीके से अन्य परियोजनाओं में खर्च कर दिया गया, जिससे नुकसान हुआ।

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अनिल अंबानी का बचाव पक्ष

सीबीआई की छापेमारी के बाद अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि यह मामला 10 साल पुराना है और उस समय अनिल अंबानी सिर्फ नॉन-एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर थे। उन्होंने कंपनी के दैनिक कार्यों में कोई भागीदारी नहीं की थी। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि एसबीआई ने पहले ही अन्य पांच नॉन-एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई वापस ले ली है, लेकिन अनिल अंबानी को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।

17,000 करोड़ की गड़बड़ियां उजागर

ईडी ने जुलाई में अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के कुछ मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद अगस्त के पहले सप्ताह में 66 वर्षीय अनिल अंबानी से पूछताछ की गई और उनका बयान दर्ज किया गया। ईडी की जांच में सामने आया कि अंबानी समूह की कंपनियों ने 17,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन में वित्तीय अनियमितताएं कीं। जांच में यस बैंक द्वारा 2017 से 2019 के बीच दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के लोन के गैरकानूनी इस्तेमाल की बात भी सामने आई है।

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