DN Exclusive: भारत–ओमान व्यापार समझौता क्यों है अहम? किस तरह खुलेंगे भारतीय कंपनियों के लिए नए मौके, जानें डील में क्या-क्या खास

भारत और ओमान ने अपने आर्थिक रिश्तों को नई ऊंचाई देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 18 December 2025, 6:30 PM IST
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New Delhi: भारत और ओमान ने अपने आर्थिक रिश्तों को नई ऊंचाई देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता भारतीय निर्यातकों, सेवा क्षेत्र और पेशेवरों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा। खास बात यह है कि 2006 में अमेरिका के साथ हुए समझौते के बाद ओमान की ओर से किसी भी देश के साथ किया गया यह पहला द्विपक्षीय व्यापार समझौता है।

भारत-ओमान व्यापार संबंधों को नई मजबूती

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है। ओमान में लगभग सात लाख भारतीय नागरिक रहते हैं, जो हर साल करीब 2 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा भारत भेजते हैं। नया व्यापार समझौता इन मजबूत जन-सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को और गति देगा।

वस्तुओं के व्यापार में भारतीय उत्पादों को बड़ी राहत

इस समझौते के तहत वस्तुओं के व्यापार में भारतीय उत्पादों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। ओमान ने भारत के कुल निर्यात का 99.38 प्रतिशत (मूल्य के आधार पर) अपने बाजार में प्रवेश देने का फैसला किया है। इसके तहत ओमान की 98.08 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर जीरो-ड्यूटी की सुविधा दी जाएगी, जिनमें से 97.96 प्रतिशत पर शुल्क तत्काल प्रभाव से समाप्त हो जाएगा। इस फैसले से रत्न एवं आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल सामान, इंजीनियरिंग उत्पाद, फार्मा और ऑटोमोबाइल जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा और इन उत्पादों को ओमान के बाजार में पूरी तरह शुल्क मुक्त पहुंच हासिल होगी।

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आयुष और फार्मा सेक्टर को खास बढ़ावा

एफटीए में पहली बार पारंपरिक चिकित्सा यानी आयुष के सभी माध्यमों पर प्रतिबद्धता जताई गई है। इससे भारत के आयुष और वेलनेस सेक्टर को वैश्विक स्तर पर नए बाजार मिलेंगे। फार्मा क्षेत्र में भी बड़ी राहत मिलेगी। यूएसएफडीए, ईएमए और यूके एमएचआरए जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से स्वीकृत भारतीय दवाओं को ओमान में तेजी से मार्केटिंग की अनुमति मिल सकेगी।

संवेदनशील क्षेत्रों के लिए सुरक्षा

भारत ने घरेलू हितों की रक्षा के लिए डेयरी, चाय, कॉफी, रबर, तंबाकू, सोना-चांदी की ईंटें और स्क्रैप धातु जैसे संवेदनशील उत्पादों को शुल्क रियायत से बाहर रखा है। कुछ ओमानी उत्पादों के लिए टैरिफ-रेट कोटा अपनाया गया है, ताकि घरेलू उद्योग सुरक्षित रहें।

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मध्य पूर्व और अफ्रीका का गेटवे बनेगा ओमान

ओमान पहले से ही मध्य पूर्व और अफ्रीका के बाजारों के लिए भारत का अहम प्रवेश द्वार है। वहां 6,000 से अधिक भारतीय कंपनियां सक्रिय हैं। ब्रिटेन के बाद पिछले छह महीनों में यह भारत का दूसरा बड़ा व्यापार समझौता है, जो भारत की आक्रामक वैश्विक व्यापार रणनीति को दर्शाता है। इस समझौते से दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

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Published : 
  • 18 December 2025, 6:30 PM IST