दिल्ली विश्वविद्यालय का बड़ा फैसला: कॉलेज अब सुबह 8 से रात 8 बजे तक खुले रहेंगे, शिक्षकों में नाराजगी

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने सभी कॉलेजों और संस्थानों को हर दिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खोलने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय 12 जुलाई को हुई कार्यकारी परिषद (EC) की बैठक के बाद 31 जुलाई को लागू किया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इसका उद्देश्य संसाधनों का इष्टतम उपयोग करना है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 2 August 2025, 2:16 PM IST
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New Delhi: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने हाल ही में एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए अपने सभी कॉलेजों और संस्थानों को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुले रखने का आदेश जारी किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इसका उद्देश्य संसाधनों का इष्टतम उपयोग (Optimum Use) सुनिश्चित करना है। हालांकि, इस फैसले ने शिक्षकों के बीच असंतोष और चिंता की स्थिति पैदा कर दी है।

कार्यकारी परिषद की बैठक में हुआ निर्णय

यह फैसला 12 जुलाई को हुई कार्यकारी परिषद (Executive Council) की बैठक में विचार-विमर्श के बाद लिया गया, जिसकी आधिकारिक अधिसूचना 31 जुलाई को जारी की गई। यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब विश्वविद्यालय में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो रही है और पहली बार चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (FYUP) के तहत चौथे वर्ष में छात्रों का दाखिला हुआ है। नई व्यवस्था के तहत अब शिक्षण संस्थानों को 12 घंटे की अवधि तक खुले रखने का आदेश दिया गया है। जिससे शैक्षणिक गतिविधियों के विस्तार के साथ-साथ संसाधनों और अवसंरचना का अधिकतम उपयोग किया जा सकेगा।

शिक्षकों में नाराजगी

DU के इस आदेश को लेकर शिक्षकों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। कई शिक्षकों ने इसे शिक्षक-विरोधी और छात्र-विरोधी बताते हुए आलोचना की है। किरोड़ीमल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रुद्राशीष चक्रवर्ती ने इस निर्णय को कठोर बताते हुए कहा कि कॉलेजों को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खोलने के आदेश को अब विश्वविद्यालय से औपचारिक स्वीकृति मिल गई है। जिससे शिक्षकों को प्रतिकूल परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों को ऐसे समय में काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है जब उनके लिए बैठने तक की उचित व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा देर रात या सुबह जल्दी यात्रा करने वाले शिक्षकों और छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं जाहिर की गई हैं, जिसे इस फैसले में नजरअंदाज किया गया है।

अतिथि फैकल्टी को पढ़ाने की जिम्मेदारी

नई व्यवस्था के तहत विश्वविद्यालय ने यह भी कहा है कि सीनियर नियमित संकाय सदस्यों को चौथे वर्ष के छात्रों को पढ़ाने और मार्गदर्शन देने की जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं, जहां आवश्यकता होगी वहां गेस्ट फैकल्टी (अतिथि शिक्षक) को नियुक्त किया जाएगा। यह बात शिक्षकों को और अधिक खल रही है क्योंकि उनका मानना है कि यह व्यवस्था पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को अपेक्षाकृत कम अनुभवी शिक्षकों के हवाले कर देगी, जो शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव डाल सकती है।

'नए छात्रों का स्वागत करने का यह तरीका नहीं'

मिरांडा हाउस की फैकल्टी सदस्य आभा देव हबीब ने इस आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा, कि किसी विश्वविद्यालय या विषय में नए बैच का स्वागत करने का यह कोई तरीका नहीं है। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल छात्रों बल्कि शिक्षकों के लिए भी अनुचित और गैर-व्यवहारिक है।

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  • 2 August 2025, 2:16 PM IST